अधिगत जागल हो सजनी। खोजत-खोजत सतगुरु पावलताहि चरनवाँ चितवा लागल हो सजनी॥ साँझि समय उठि दीपक बारलकरमवा मनुबाँ पागल हो सजनी॥ चललि उबटि बाट, छुटलि दकल घाटगरजि गगनवा अनहद बाजल हो सजनी॥ गइली अनँदपुर भइली अगम सूरजितली मैदनवाँ नेजवा गाड़ल…
बीति गइल रतिया अन्हरिया, अँजोरिया में घेरले बा बदरीघेरले बा बदरी, घेरले बा बदरी।बीति गइल रतिया अन्हरिया, अँजोरिया में घेरले बा बदरी॥ आवे का पहिले बिचार सभे…
छोट फुदगुदी खेले अँतरा,का जाने का होखे खतरा,बाझ नोचलस ओकर ठोरअँखिया से…….. पाँखि ध फेरु बाहर खिचलस,बहसी बन के फिर तन चिखलस,गाँव शहर में मचल पुरा शोरअँखिया से………. देह…
छोड़-छोड़ आसा अकेले नाव खोल रे।ऊ खूब नीमन गइला पर जननी लगेला सुहावन सुदूर वाला ढोल रे-अब-तक उनकर मुँह हम जोहनीनिमने भइल कि खुल गइल पोल रे-काम…
खेत के मुआर छिलातिया जइसे छुरा सेकपार के बार छिलाला,पइनि-अहरा-नहरनेता लोग के बात लेखाखाली बाअकाल के उदन्त भँइसाचरि गइल फसल,किसान हाथ भींजता,अब बेटी के गवना के नियारफेरे…
अइसन करनी केकर होखी बहुत विचरलीं,आइना देखवते जानवर ना इन्सान के पईलीं ई हम कुछुओ लेके ना जाएब ई सबही गावत बा,आपन जेब भरे खातिर दुसर जेब…
अइले बसन्त महँकी फइललि बाय दिगन्त,भइया धीरे-धीरे बहेली बयारि। फुलैले गुलाब, फुलै उजरी बेइलिया,अमवाँ के डरियन पर बोलैली कोइलिया।बोलैले पपीहा मदमस्त आपन बोलिया,महँकि लुटावैं आप ले बउरे…
इक दिन बहुत हाहाकार मचलभात ,दाल ,तरकारी में।काहे भैया नून रूठल बाबैठक भईल थारी में। दाल- तरकारी गुहार लगईलकनून के बैठ गोर थारी मेंतरकारी कहलक सांस छूटतादाल…
बहूत डरावना भयानक रातदेखनी हइ जब ओके आजअसपताल के एगो कोना मेचिखत रहे लेके धिरे धिरे सास दरद पिडा के रहे समूंदरहर पल उठत रहे ओकरा अंदरदेख…
दरद के आग बा ओके दिल में,रोये ला दिन रातदेख देख के लोग कहेला,पागल जाता बडबडात रहे उ सिधा साधा,माने सब बातलूट लेलक दुनिया ओके,कह के आपन…