आदमी के हाथ में जब नाथ बाटेतब कवन चिंता प्रलय के साथ बाटे।उठ रहल आवाज-’’अब त हाथ रोकगोड़ में विज्ञान के अब कील ठोक ना त क्षण भर प्रलय के भेज न्योताछीन ली श्रृंगार अब औतार होखी ?’’बत का ह कि…
आदमी से आदमी अझुराइल बा।सभे एक दोसरा से डेराइल बा।मिल्लत बेमउआर आज के दिन।सभका मगज में भँग घोराइल बा॥नाता-रिस्ता जड़ से टूट रहल बा॥जे जहाँ बा ऊहें…
माई जइसन,प्यार करे,ना करि केहू,आपन हमदर्द,चाहें केतनो, होई सेहूँ। माई के अँचरा,जइसे छाँव, कहि मिले ना,प्रभु के मरजी वगैर,जइसे पतई हिले ना।सकून मिले,जवन ओतना,ना दीही केहू..आपन हमदर्द,चाहें केतनो, होई…
आमवा से अमरित टपके ,चह-चह चहके चिरइयाँ.महुआ सुगंध में मातल,कुकू -कुकू कुकेले कोइलिया .कि आरे काऊँ- काऊँ करेला रे कागावाछप्परवा पे बिरहा गवाइल.
अनजाना राही कहे, गलत के राह।बुद्धिमान सम्मान के, करे कबो ना चाह ॥1॥अनभल केहू के कइल, अपने पथ के कांट।आरोही जीवन बदे, जीवन के सुख बांट ॥2॥अनुशासन…
आवे बसन्त दुअरियामगन मन नाचले गोरिया।मधुरे पवन रस बेनियाँ डोलावेनदिया लहरि दरपनवाँ देखावेधरती पेन्हावेले चुनरियामगन मन नाचेले गोरियानन्ही मुटी चिरई बजावेले पिपिहरीकेहू पीटे थारी लोटा केहू पीटे…