मनई के देहि छोट होखेलाद बढ़ल खुब जाता,खा गइले सभ चिरई चुरूंगबिरिछो कइले नपाता।बदरी के बुढ़ारी आईलउठल बइठल न जाये,सुरूज आग उगिला तारेपानियो छटपटाये,धरती के तन झुरा झुरा केफाट गइल बेवाई,आदमी आदमी के खाईतनिको ना सकुचाई। मुदई मोखालिफ के नाम पहिते लगावे फंदा,देह…
आदमी के हाथ में जब नाथ बाटेतब कवन चिंता प्रलय के साथ बाटे।उठ रहल आवाज-’’अब त हाथ रोकगोड़ में विज्ञान के अब कील ठोक ना त क्षण…
आदमी से आदमी अझुराइल बा।सभे एक दोसरा से डेराइल बा।मिल्लत बेमउआर आज के दिन।सभका मगज में भँग घोराइल बा॥नाता-रिस्ता जड़ से टूट रहल बा॥जे जहाँ बा ऊहें…
माई जइसन,प्यार करे,ना करि केहू,आपन हमदर्द,चाहें केतनो, होई सेहूँ। माई के अँचरा,जइसे छाँव, कहि मिले ना,प्रभु के मरजी वगैर,जइसे पतई हिले ना।सकून मिले,जवन ओतना,ना दीही केहू..आपन हमदर्द,चाहें केतनो, होई…
आमवा से अमरित टपके ,चह-चह चहके चिरइयाँ.महुआ सुगंध में मातल,कुकू -कुकू कुकेले कोइलिया .कि आरे काऊँ- काऊँ करेला रे कागावाछप्परवा पे बिरहा गवाइल.
अनजाना राही कहे, गलत के राह।बुद्धिमान सम्मान के, करे कबो ना चाह ॥1॥अनभल केहू के कइल, अपने पथ के कांट।आरोही जीवन बदे, जीवन के सुख बांट ॥2॥अनुशासन…