• Home
  • कविता/ गीत / गज़ल
आदमी आदमी के खाई तनिको ना सकुचाई/ विमल कुमार

आदमी आदमी के खाई तनिको ना सकुचाई/ विमल कुमार

ByadminSep 24, 20241 min read

मनई के देहि छोट होखेलाद बढ़ल खुब जाता,खा गइले सभ चिरई चुरूंगबिरिछो कइले नपाता।बदरी के बुढ़ारी आईलउठल बइठल न जाये,सुरूज आग उगिला तारेपानियो छटपटाये,धरती के तन झुरा झुरा केफाट गइल बेवाई,आदमी आदमी के खाईतनिको ना सकुचाई। मुदई मोखालिफ के नाम पहिते लगावे फंदा,देह…

आदमी के हाथ में जब नाथ बाटे/ अर्जुन कुमार…

आदमी के हाथ में जब नाथ बाटे/ अर्जुन कुमार…

ByadminSep 16, 20241 min read

आदमी के हाथ में जब नाथ बाटेतब कवन चिंता प्रलय के साथ बाटे।उठ रहल आवाज-’’अब त हाथ रोकगोड़ में विज्ञान के अब कील ठोक ना त क्षण…

आदमी से आदमी अझुराइल बा / प्रभुनाथ सिंह

आदमी से आदमी अझुराइल बा / प्रभुनाथ सिंह

ByadminSep 22, 20241 min read

आदमी से आदमी अझुराइल बा।सभे एक दोसरा से डेराइल बा।मिल्लत बेमउआर आज के दिन।सभका मगज में भँग घोराइल बा॥नाता-रिस्ता जड़ से टूट रहल बा॥जे जहाँ बा ऊहें…

आपन हमदर्द/ दीपक तिवारी

आपन हमदर्द/ दीपक तिवारी

ByadminSep 24, 20241 min read

माई जइसन,प्यार करे,ना करि केहू,आपन हमदर्द,चाहें केतनो, होई सेहूँ। माई के अँचरा,जइसे छाँव, कहि मिले ना,प्रभु के मरजी वगैर,जइसे पतई हिले ना।सकून मिले,जवन ओतना,ना दीही केहू..आपन हमदर्द,चाहें केतनो, होई…

आमवा से अमरित टपके/ ओमप्रकाश अमृतांशु

आमवा से अमरित टपके/ ओमप्रकाश अमृतांशु

ByadminOct 7, 20241 min read

आमवा से अमरित टपके ,चह-चह चहके चिरइयाँ.महुआ सुगंध में मातल,कुकू -कुकू कुकेले कोइलिया .कि आरे काऊँ- काऊँ करेला रे कागावाछप्परवा पे बिरहा गवाइल.

आरोही पचीसा / चौधरी कन्हैया प्रसाद सिंह ‘आरोही’

आरोही पचीसा / चौधरी कन्हैया प्रसाद सिंह ‘आरोही’

ByadminSep 20, 20242 min read

अनजाना राही कहे, गलत के राह।बुद्धिमान सम्मान के, करे कबो ना चाह ॥1॥अनभल केहू के कइल, अपने पथ के कांट।आरोही जीवन बदे, जीवन के सुख बांट ॥2॥अनुशासन…

कविता/ गीत / गज़ल – भोजपुरी मंथन