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बरदान तनिका दे द / कन्हैया लाल पण्डित

अलचार हो रहल मन वरदान तनिका दे द।थाकल शरीर जननी, अब जान तनिका दे द॥पहिले के शक्ति कहवाँ अब आज रह गइल बा।फेनू लगा के हाथ तूँ तूफान तनिका दे द॥पग अझुरा रहल बाटे आ नगिचा किनार के।खोलऽ पलक भवानी…

बदलाव / चंद्रदेव यादव

बदलाव / चंद्रदेव यादव

अजादी के बादमुआरी हो गइल गाँवहरित क्रांति के फुआर सेसुगबुगाइलपौ फाटलसब कर चेहरा हरियाइलबाकी येह बिकास के चकचोन्ही मेंबिला गइल समाज-भावरमी खेलत क भूल जालें लोगकि पड़ोस…

बदरिया / मदन मोहन सिन्हा ‘मनुज’

बदरिया / मदन मोहन सिन्हा ‘मनुज’

अइले बदरिया कि अइले संवरियाका जाने कबसे अगोरेले गुजरिया । झूमत झामत चले कालेकाले हथियाखेलत लोटत गिरि उड़त अकसियाअँखुआ सुकोमल सलाज गोहरावेलेअइह हो अइह पियासलि धरतिया ।…

बदरा घुरि-घुरि आवे अँगनवा में – अभय कृष्ण त्रिपाठी…

बदरा घुरि-घुरि आवे अँगनवा में – अभय कृष्ण त्रिपाठी…

ByadminSep 26, 20241 min read

बदरा घुरि-घुरि आवे अँगनवाँ मेंनींद नाहि आवे भवनवाँ में।। मनके महल में सूधिया के पहराप्रीत के हिड़ोले बिरहल लहरा,दिल तार-तार होला सपनवाँ मेंनींद नाहि आवे भवनवाँ में।।…

बताई के/ आर. डी. एन. श्रीवास्तव

बताई के/ आर. डी. एन. श्रीवास्तव

ByadminSep 26, 20241 min read

काने में ढोल बजाई केसभकर नाव बताई के॥ तस से भाईचारा क लींत हमके गरिआई के॥ नेतवे जब खइहें दुबरा संगकाटी दूध मलाई के॥ जे के देख…

बड़ा नीक लागै – जगदीश पंथी

बड़ा नीक लागै – जगदीश पंथी

ByadminSep 26, 20241 min read

रुनुक-झुनुक बाजै पायल तोर पँउआ, बड़ा नीक लागै –ननद तोर गँउआ, बड़ा नीक लागै देवरा निहारै पीपर झरै पातीहमरी उमिरिया फरै दिन-रातीगरवा में नेहिया के लागत गरँउआ,…

बड़का – बड़का / वेद प्रकाश व्दिवेदी

बड़का – बड़का / वेद प्रकाश व्दिवेदी

ByadminOct 4, 20241 min read

ई ह पटना, बड़का शहर,इहवाँ सभ कुछ बड़का बाटे;हरदम लागे इहाँ झमेलाइहवाँ बहुते चरखा बाटे। बड़का इहवाँ लोगवा बाटे,बड़का सभके सोच-विचार :रोक-टोक ना बाटे कवनो-ना बाटे आचार-विचार…

बजट बा / चंद्रभूषण पाण्डेय

बजट बा / चंद्रभूषण पाण्डेय

बजट बागजट बाअब काझंझट बालटपट बाअटपट बाअपने मेंखटपट बारपट बालपट बाऊंट कवनाकरवट बामरकट बागरगट बाबस नजरिएचोरकट बाचटचट बागटगट बादेस बढ़लझटपट बाटकटक बाठकठक बाअब त जयजयहरघट बाजमघट बाघटघट…

बचपन के खेलवा – मुकुन्द मणि मिश्रा

बचपन के खेलवा – मुकुन्द मणि मिश्रा

ByadminSep 27, 20241 min read

बचपन के खेलवा छिनाय गइल मीतवा।माटी के गीतवा भुलाय गइल मीतवा।। ओका- बोका तीन तड़ोकालौआ लाठी चंदन काठीहाकी टाकी टेनिस-बैटआइल किरकिटवा ।।बचपन………।। मामा हो मामा चिउंटी के…

फेर काँहे सुनेनी हम तोहार बतिया/ राजीव उपाध्याय

फेर काँहे सुनेनी हम तोहार बतिया/ राजीव उपाध्याय

ByadminSep 27, 20241 min read

उठि सूती पूछे मन, एगो हमसे बतियाकाहे खाती दिन बावे, काँहे खाती रतिया॥ रोज भिंसहरे काँहे, किरिन सूरुजवाअउरी अन्हियारा, काँहे रोजे-रोजे रतिया॥ काँहे लोग मिलेला, अउरी जाला…

कविता/ गीत / गज़ल - भोजपुरी मंथन - Page 12