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धनिया/ कनक किशोर 

धनिया/ कनक किशोर 

ByadminOct 1, 20241 min read

बड़ कहे कनिया आ हम कहीं धनियातनी धीरज धर ना, बहुरी हमनी के दिनवाँ तनी…। नाही माँग झूलनी, ना माँग तूहूँ कंगनामिली जूली रहे सभे आज एक अँगनादूरी ये बचाई जान भागी ई कोरोनाजरूरी बा मारक के चलनव, तनी धीरज…

धन-कटनी/ अमरेन्द्र जी

धन-कटनी/ अमरेन्द्र जी

ByadminSep 24, 20241 min read

खेतवा की आरी आरी,सुनरी सुग्घरी नारी,पीयरि पहिरी सारी,छमके छमकि छमक।हँसुआ से काटि धान,गावेली मधुर गान,कर के कंगन दूनो,खनके खनकि खनक।। लामे लामे पारि धरे लामे पलिहारि धरे,गुर्ही करे बोझा…

देशवा के देशवा क धुन कब होई/ राम जियावन…

देशवा के देशवा क धुन कब होई/ राम जियावन…

ByadminSep 27, 20241 min read

दोबिधा में मनवा हमार होइ जालाकले-कले दिनवाँ पहार होइ जाला। ढेर परिवार क अपार लागै रोटियादेहिया ढुकावै बदे, फटही लँगोटिया।लोग बतावैला, सुधार होइ जाला।कले-कले दिनवाँ पहार होइ…

देखत अँजोरिया/ डॉ॰ शारदा पाण्डेय

देखत अँजोरिया/ डॉ॰ शारदा पाण्डेय

ByadminOct 1, 20241 min read

देखत अँजोरिया, सेराइल रतियाहम का करों केकरा से का कहीं ? बहे पुरवइया झकोरेला फेड़वा,थमि यमि वहि जाला मन के सपनवा, मूदीले अँखिया, तवो ना रही ?हम…

दियना/ मदन मोहन सिन्हा ‘मनुज’

दियना/ मदन मोहन सिन्हा ‘मनुज’

अबहूँ अइले ना जड़वा से जोरनी गिरहियामनवा सुनुगेला करसिन अगिया जोन्हि बइरिन भइल, सउतिया चाननी, डाहे रतियागीत पनघट, पियासलि पिरितिया लोर ढरके ना दीहीं, कोर भरके ना…

दिनवा बीतल हो जाई – संत ताले राम

दिनवा बीतल हो जाई – संत ताले राम

Byताले रामSep 27, 20241 min read

राम भजन करु भाई, दिनवा बीतल हो जाई।। टेक।। साव किहाँ दरब ले आएलो, सूद पर देली लगाई,सूदवा हान भेल एहि जग में, घरहुँ के मूढ़ गँवाई।।…

दाल भात चली रात के…/ सुजीत सिंह

दाल भात चली रात के…/ सुजीत सिंह

ByadminSep 26, 20241 min read

माड़ो मटकोर गीत बेटी के बारात के,काथा पूजा होई दाल भात चली रात के। दुअरा पर भीरल हलुआई काम करताटे,रखल बा डराम लइका पानी ओमे भरताटे। जे बा…

दहेज/ तारकेश्वर राय

दहेज/ तारकेश्वर राय

ByadminSep 25, 20241 min read

बाप देखीं बेटा के, बोली लगवले बा |देवे वाला ख़ुशी से, गर्दन झुकवले बा ||मोल भाव होता, देखीं सपना के ||शान से बेचता, केहू अपना के ||…

दहेज क चलनिया/ तारकेश्वर राय

दहेज क चलनिया/ तारकेश्वर राय

ByadminSep 25, 20242 min read

देखीं बदल गईल, सभकर चलनियाबदल गईल गांव शहर मालिक मलकिनियाबदल गइले गुरु चेला, घर दुवार अउरी चोहनीआडहर त बदली गईल, बदलल मुहनिया ना बदलल त एके बात, दहेज़…

दल बदलू नेता/ संदीप कुमार

दल बदलू नेता/ संदीप कुमार

ByadminSep 25, 20241 min read

नेता जी के पेट हs की लमहर खेतइनकर एगो दल से काम ना चलेदोसरा दल में ना जिईहन, ना भरी कहियो इनकर पेट!१ इकरा जन-जनता से का मतलब बाइंकरा तs…

कविता/ गीत / गज़ल - भोजपुरी मंथन - Page 16