चुनलीं त फूल काँट के बटीर आ गइलजब-जब हँसे के चहलीं तबे लोर आ गइल देखले रहीं अन्हार से पहिले के अँजोराबुझलीं कि रात बीत गइल भोर आ गइल दोसरा के जरावेला जे धीरे बहल हवाहमरा के बुतावेला, उहे जोर…
मुरुगा का बोलले सबेर ना होला ।कोरा के कुकुर से अहेर ना होला ।।अदिमी बेलूर के बोझ हो जालाघर सम्हारे वाला सोझ हो जालाअड़ बड़ पS विगरे…
हम तोहके कइसे लिखीं?कइसे लिखीं किबहुते खुश बानी इहाँ हमहोके बिलग तोहन लोग से… हर घड़ी छेदत-बीन्हत रहेलाइहवों हमके गाँवइयाद परावत रहेला हर घड़ीओइजा के बेबस छछनत…
चलत-चलत मोरा पईया पिरइले, ए ननदिया मोरी रेतबहूं ना मिलेला उदेश, ए ननदिया मोरी रे।अपने न अइलें पिया भेजलें ना सनेसवा, ए ननदिया मोरी रे।भेज देले डोलिया…
चलत-चलत मोरा पईया पिरइले, ए ननदिया मोरी रेतबहूं ना मिलेला उदेश, ए ननदिया मोरी रे।अपने न अइलें पिया भेजलें ना सनेसवा, ए ननदिया मोरी रे।भेज देले डोलिया…
भीती पर केहू के टाँकी मराइलएक सुन्न सुन्ना में अउरो जोराइल मिरगा कहीं सोना कजादू क टोना कआँखी पर रूप चढ़लछँउकत सलोना क गोड़न के मकड़जालरहियो हेराइल…
जवना खातिर शहर धइले,ओकरे चलते जहर खइले !जिनिगी मिलल ना मउअते मिलल,कुछ त पावे गाँवे चल !!चल चल….. कगवा उचारत अबहूँ होई,घरवा में तिरीया कबले रोई !भरल…
चम्पारन के देखीं हाल ।मन-चित लाई सुनी हवाल ॥सोमेश्वर के ई धरती हऽ परम पूज मनभावनचम्पा के जगल के कारण नाम परल चम्पारणपश्चिम दक्खिन बहे गंडकी उत्तर…
बनिया-बोरा के छल्ली लगाई आइन्तजार करीकि बढ़ि जाय चना के भाव।भड़भूँजा भूँजीआ बड़बड़ाई-चना के छपन सवाद।आदमी जइसनमुकमिल दुनिया होले चना केजे महसूस करी, ले आईखेत मेंठीक नाक…
फगुआ के अनवाध में, चइत दुआरे ठाढ़।ललकी किरिन परात के, तकलसि घूघा काढ़। मादक महुआ गंध में, डूबल बनी समूल।हवा कटखनी बिन रहल, मउनी भरि-भरि फूल। चइता…