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केहु से बाट रजा – तेग अली-तेग

केहु से बाट रजा – तेग अली-तेग

ByadminSep 26, 20241 min read

केहु से बाट रजा तु सटल सुनत बाटी ई काम करत नाही निक हम कहत बाटी॥सहर मे बाग मे उसर मे बन मे धरती पतूँ देखले हौअ बंडर मतिन फिरत बाटी॥ना कवनो काम करीला ना नौकरी बा कहूँबईठ क धुर…

के के देखाईं चुनरिया / जयशंकर प्रसाद द्विवेदी

के के देखाईं चुनरिया / जयशंकर प्रसाद द्विवेदी

अँगना छिंटाइल अंजोरिया हो रामा मन मधुवाइल। अमवा के मोजरी से कोइलर के बोलियाचढ़त चइतवा में ताना देव छलिया सम्हरे न आपन नजरिया हो रामा मन मधुवाइल। मनवा रंगल…

कुछ त दीप जरवले जा – अभय कृष्ण त्रिपाठी…

कुछ त दीप जरवले जा – अभय कृष्ण त्रिपाठी…

ByadminSep 26, 20241 min read

चारो तरफ घनघोर अँधेरा, कुछ त दीप जरवले जारात के बाद सुबह भी होखी, ई एहसास करवले जा. आपन ढ़पली आपन राग पर, अपने गाल फुलवले बाआपन…

कुकुरन के बारात/ विद्या शंकर विद्यार्थी

कुकुरन के बारात/ विद्या शंकर विद्यार्थी

ByadminSep 27, 20241 min read

कुकुरन के बारात लेअइलऽसमधी तूँ सधुअइलऽजूता पर नजर इहनिन केघाउंज तूँ करवइलऽ।कमे कुकुर बाड़न सन ईजवन टांग ना टारसनजगहा के बात कहाँ बाटेजेने मन जल ढारसन।आन के…

काहे निर्गुन गावतानी ?/ जनार्दन प्रसाद व्दिवेदी

काहे निर्गुन गावतानी ?/ जनार्दन प्रसाद व्दिवेदी

ByadminOct 4, 20241 min read

(1)काहे निर्गुन गावतानी ?दोसरो के भरमावतानी;जीवन रन ह, बिगुल बजाईंतब देखों का पावतानी ।(2)साहसवाला सभ पावेला,गीत खुशी के ऊ गावेला;बइठल खाली सोचेला जेओकरा कुछुओ ना आवेला ।(3)मन…

काहे नाहीं अइलs / गणपति सिंह

काहे नाहीं अइलs / गणपति सिंह

ByadminSep 24, 20241 min read

माँग सेनूरा डाल बलमू हो।बिआह के लेअईलs बलमू हो। सुहाग राति सेजिया सजल रहेदिलवा धड़कत रहे बलमू हो।। अँखियाँ बिछा के बइठल रहनीकाहे नाहीं अइलs बलमू हो।।…

काहे ना दिल्ली कुच हो/ श्वेताभ रंजन

काहे ना दिल्ली कुच हो/ श्वेताभ रंजन

ByadminSep 27, 20241 min read

काहे ना दिल्ली कुच हो भोजपुरी माई के माथ ऊँच हो काहे ना दिल्ली कुच हो थक गइल माई के जोर हो रुक गइल फइलल अँजोर हो…

काँटे मिलल/ सत्यनारायण सिंह

काँटे मिलल/ सत्यनारायण सिंह

ByadminSep 30, 20241 min read

फुलबगिया में हमरा त काँटे मिललदोसरे केहू लोदल रहे जे खिलल मन के दुखड़ा सुनवनीं हरेक पात सेनीरमोहिया ठठा के हँसल आ गिरल बात टुटही मड़इया के…

काटऽ चानी – रमाशंकर वर्मा ‘मनहर’

काटऽ चानी – रमाशंकर वर्मा ‘मनहर’

ByadminSep 27, 20241 min read

भइया जी! अब काटऽ चानीफिर ना अ इसन राज भेंटाईबदलऽ जल्द पलानी।भइया जी! अब काटऽ चानी॥ आइल बा आगे, हथिआवऽपीछे वाला भूलऽ।लागल बा सावन के झूलाझूलि-झूलि के…

का हो बबूनी – अरुण शीतांश

का हो बबूनी – अरुण शीतांश

ByadminSep 26, 20241 min read

अब घर के चबेनी के फाँकी? के जाई गोबर ठोके? केकर घर से आगी आई? के माई के पउंवा दबाई? के सोहर गाई ? के झूमर पारी?…

कविता/ गीत / गज़ल - भोजपुरी मंथन - Page 24