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का कहेले कोइलिया?/ दिलीप पैनाली

का कहेले कोइलिया?/ दिलीप पैनाली

ByadminSep 24, 20241 min read

ए नानी नाना कहाँ, कहेले कोइलिया?भोरे भोरे गीत, सुनावेले कोइलिया।पोतवा के बात ई, आजी बतावेली,चिड़ई चुरूंग से, परिचय करावेली। ए मामी मामा कहाँ गावेले कोइलिया?भोरे भोरे गीत, सुनावेले कोइलिया।बबुनी के बात ई माई बतावेली,चिड़ई चुरूंग से, परिचय करावेली। adminbhojpurimanthan.com/

कहाँ से पाठक खोजल जा/ रवीन्द्र श्रीवास्तव ‘जुगानी भाई’

कहाँ से पाठक खोजल जा/ रवीन्द्र श्रीवास्तव ‘जुगानी भाई’

ByadminSep 30, 20241 min read

पूछत भर में मुँह विचका के, चलि दिहलें ऊ अपने राहीका हो बाबू ! कविता चाहीं ? सस्ता अउर टिकाऊ कविता, धाँसू मंच जमाऊ कविताहाथे हाथ बिकाऊ…

कहवाँ गइल?/ निर्भय नीर

कहवाँ गइल?/ निर्भय नीर

ByadminSep 24, 20241 min read

कहवाँ गइलऽ, मोरी मनवा रे ।।एह करे खोजीं, ओह करे खोजीं,कतहीं ना पाईं , तोरी संगवा रे।कहवाँ गइल , मोरी मनवा रे।।१।। रतिया सपनवा में, निनिया जे…

कबले होब फेल/ जगदीश खेतान

कबले होब फेल/ जगदीश खेतान

ByadminSep 25, 20242 min read

बबुआ तू कबले होब फेल?का कहीं बहुत तोहका झेललीं,अब हम ना पाईब तोहें झेल। कइसे पढबऽ कबले पढब्ऽ।का-का पढबऽ ई समझा दऽडागडर बनब कि इंजीनियरतनी हमहूँ के इ बतला…

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कथा झरी गेना के फूल से / परिचय दास

Byपरिचय दासSep 22, 20241 min read

अडिग रही आपन आस्था आत्मदान मेंमन मंदिर के घंटियन में गूंजी हमनी के प्रेमदखनइया मलयानिल हिलोर लेई हमनी के प्रेम के स्वागत मेंखुल जाई हृदय के पृष्ठआ…

कउआ लाला/ दिलीप पैनाली

कउआ लाला/ दिलीप पैनाली

ByadminSep 24, 20241 min read

कउआ का उड़े पर अपना भइल बहुत गुमान,हंस से लगाएम बाजी मन में लिहलस ठान। कहलस कउआ एक दिन, हंस का लगवा जाई,के बा बीर धरा पर ,जे बाजी हमरा से लगाई।…

कइसन गांव-गिरांव हो गइल/ डाॅ पवन कुमार

कइसन गांव-गिरांव हो गइल/ डाॅ पवन कुमार

ByadminSep 26, 20241 min read

कइसन गांव-गिरांव हो गइलअजबे चलन सुभाव हो गइल। गांव शहर में बदले लागलसिमटे लागल खेतिहर धरतीजाने कहां बिलाये लागलजंगल अउरी हरियर परतीकपट-दलाली में जमीन केआसमान में भाव हो गइल।…

ओरचन / केशव मोहन पाण्डेय

ओरचन / केशव मोहन पाण्डेय

दुआरी परकिनारेदेवाल से सटा केखड़ा कइल बाएगो खटिया,ओकर हालतबड़ा डाँवाडोल बाओकरा बीचवा मेंबड़ा झोल बाकेहू केऽ तरे सुतत होईबुझाते नइखेबाकिरओरचन कसाइल बाओरचन मेंदस गो गाँठ बाआ दोसरा…

एह माटी ला आपन सर कटाएब/ लव शर्मा ‘प्रशांत’

एह माटी ला आपन सर कटाएब/ लव शर्मा ‘प्रशांत’

ByadminOct 4, 20241 min read

दूर देस से चल के एह धरती पर अइनीएही चंपारण में आपन ठेहा हलवनी चंपा के फूलन से गमकत रहे ई धरतीलव-कुश के वीरता के गवाह रहे…

एतनो मति बनऽ तूँ भोला – आकाश महेशपुरी

एतनो मति बनऽ तूँ भोला – आकाश महेशपुरी

ByadminSep 26, 20241 min read

चढ़े कपारे अगर गरीबीदुख पहुँचावे पहिले बीबी। पटिदारन के खूब टिभोलीऊपर से मेहरी के बोली। राशन-पानी के परसानीयाद करावे नाना-नानी। पाँव उघारे देहीँ दामाफाटल चीटल पायट जामा।…

कविता/ गीत / गज़ल - भोजपुरी मंथन - Page 25