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रत्ना के फटकार/ कन्हैया सिंह ‘सदय’

रत्ना के फटकार/ कन्हैया सिंह ‘सदय’

ByadminOct 1, 20241 min read

करऽ तारऽ हमरा से, जतना तूं प्यार हो,रामजी से करि ल पिया, होइहें उद्धार हो । माटी के देहिया ई एक दिन बिलाई ।भाई-बंधु, बेटा-बेटी कामे ना आई।हमहूँ ना आइब काम, करी ल विचार हो,करऽ तारऽ हमरा से, जतना तूं…

रजनीति/ दिनेश पाण्डेय

रजनीति/ दिनेश पाण्डेय

ByadminSep 24, 20241 min read

झूठ आँखि के सोझ जे, साँचा जवन अदीख।अखनी के रजनीति में, दरसन के ई सीख। वादा कइके छाड़ि दऽ, मान न नीति अनीति।ना बैरी हित केहुओ, एखनि के…

रंग ए बनारस / प्रकाश उदय

रंग ए बनारस / प्रकाश उदय

Byप्रकाश उदयSep 22, 20241 min read

आवत आटे सावन शुरू होई नहवावनभोला जाड़े में असाढ़े से परल बाड़ें एगो लांगा लेखा देह, रखें राखी में लपेटलोग धो-धा के उघारे पे परल बाड़ेंभोला जाड़े…

रउराS आई / बृजमोहन प्रसाद ‘अनारी’

रउराS आई / बृजमोहन प्रसाद ‘अनारी’

ByadminOct 4, 20241 min read

हथियाऽ के मुँह लेके, मानुस के तनवाऽ,रउरा आई ना जी,रिधी – सिधी के सजनवाऽ……… बाबूजी के संगे लेले आई अपना माई के,शुभ-लाभ सुघर ललना दूनो भाई के,मंगल…

मोरी चुनरी में परि गयो दाग पिया/ डॉ॰ (प्रो)…

मोरी चुनरी में परि गयो दाग पिया/ डॉ॰ (प्रो)…

ByadminOct 4, 20241 min read

पाँच तत्त्व की बनी चुनरिया,सोरह से बन्द लागे जिया ।। 1।। यह चुनरी मैके से आई,ससुरे में मनुवा खोय दिया । । 21। मलि-मलि धोई दाग न…

मोछिया मरदन के शान हs/ संदीप कुमार सिंह

मोछिया मरदन के शान हs/ संदीप कुमार सिंह

ByadminSep 25, 20241 min read

मोछ ना रही तs के चिन्ही,नर हवा की मादा। मोछिया रही तs सभे चिन्ही,मादा ना हवा मर्द हवा। बाप पितिया अभी जिन्दा बा,बबुआ मोछिया छिलत बा। मोछिया…

मुकरनी/ दिनेश पाण्डेय

मुकरनी/ दिनेश पाण्डेय

ByadminSep 24, 20241 min read

परले गोड़ हजार बे, पूरल जिय अरमान।थरिया पलटसि पाइ के, सखि पिय ना जनमान। बात करेजा के छुवल, दुनिया लागे बाध।हित-मित मुदई करि गइल, पियवा ना सखि साध। अपने…

मिठ्ठा/ उदय शंकर प्रसाद

मिठ्ठा/ उदय शंकर प्रसाद

ByadminSep 30, 20241 min read

मिठ्ठा के गोली, भेल्ली कहालाकई गो दवाई में, काम आ जालागन्ना के रस पाक के भेलली हो जालाचना के साथ सबेरे खोजाला गोर होय या करिया सस्ता…

माफीनामा/ नीरज सिंह

माफीनामा/ नीरज सिंह

ByadminOct 7, 20242 min read

बहुत दिन के बाद अइला पकतना बुझल बूझल लागत बाकहिए से बंदहमार गांव वाला घर ! लागऽता जइसेकवनो बच्चा होखेअपना माई से रूसलभा जइसे माइए होखसदेर से…

माटी के अँजोर / जितराम पाठक

माटी के अँजोर / जितराम पाठक

Byजितराम पाठकApr 3, 20251 min read

सूप भरि रूप केसनूख भरि सोहुआ मेंसानल सनेहिया सलोरआन अवरू अपना केनेह-नाता गरगटलहना के बाटुरे बटोर।सोनवा के जाल मेंघेराइल सारी दुनियायोग के वियोग में पेराइल सारी दुनियाकिरन…

कविता/ गीत / गज़ल - भोजपुरी मंथन - Page 6