अब गीत लिखीं कि रीति लिखीं / चंद्रभूषण पाण्डेय

अब गीत लिखीं कि रीति लिखीं / चंद्रभूषण पाण्डेय

ByadminSep 20, 20241 min read

अब गीत लिखींकि रीति लिखींसभकर उगिललहम तींत लिखींअन्हरिया पअंजोरिया केछोटकी दियाके जीत लिखींहम मरम लिखींकि करम लिखींकि सभके जातआ धरम लिखींतिरछी नैनाजब बने कटारआपन हिया केहर भरम लिखींहम घात लिखींकि भात लिखींखाइल गिनलहर लात लिखींहोत परात सेघर अंगनात मेंमन के…

अब गैरियत के बात का मन हो गइल तमाम…

अब गैरियत के बात का मन हो गइल तमाम…

ByadminSep 19, 20241 min read

अब गैरियत के बात का मन हो गइल तमामतोहरे में हम समाइल, हमिता के अब न नाम दउराइ रहल मनवाँ हमके कहाँ-कहाँजब गिर गइल बा हमरा हाथन…

अब गैरियत के बात का मन हो गइल तमाम…

अब गैरियत के बात का मन हो गइल तमाम…

ByadminSep 19, 20241 min read

अब गैरियत के बात का मन हो गइल तमामतोहरे में हम समाइल, हमिता के अब न नाम दउराइ रहल मनवाँ हमके कहाँ-कहाँजब गिर गइल बा हमरा हाथन…

अबकी बार लतिआवल जइब/ ब्रज मोहन राय ‘देहाती’

अबकी बार लतिआवल जइब/ ब्रज मोहन राय ‘देहाती’

ByadminOct 4, 20241 min read

अबकी बार लतियावल जइब,गंगा में धकियावल जइब,संसद से घेंटियावल जइब,हाजत में सँठियावल जइब । खूब बढ़वल दाढ़ी-मोछ,हनुमान अस लमहर पोंछ,कइल ना जनता के सोच,चलते ठेहुन आइल मोच,सोंचला…

अबरी के बार बकस मोरे साहेब / दरिया साहेब

अबरी के बार बकस मोरे साहेब / दरिया साहेब

ByadminSep 22, 20241 min read

अबरी के बार बकस मोरे साहेब। जनम-जनम कै चेरि हे।।चरन कमल मैं हृदय लगाइब। कपट कागज सब फाड़ि हे।।मैं अबला किछुओ नहीं जानौं। परपंचन के साथ हे।।पिया…

अबहीं बहुत कहे के बा / गीत

अबहीं बहुत कहे के बा / गीत

ByadminSep 17, 20241 min read

सुनि पवलीं हाँ अबहीं कहवाँ, अबहीं त बहुत कहे के बा।गूँजत आइल बा राग जवनमानीं, ह साँच बिहाग तवनसुर सूतल जहाँ भैरवी केउचरी तहवाँ अब काग कवन ?खरकल…

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