अब गीत लिखींकि रीति लिखींसभकर उगिललहम तींत लिखींअन्हरिया पअंजोरिया केछोटकी दियाके जीत लिखींहम मरम लिखींकि करम लिखींकि सभके जातआ धरम लिखींतिरछी नैनाजब बने कटारआपन हिया केहर भरम लिखींहम घात लिखींकि भात लिखींखाइल गिनलहर लात लिखींहोत परात सेघर अंगनात मेंमन के…
अब गैरियत के बात का मन हो गइल तमामतोहरे में हम समाइल, हमिता के अब न नाम दउराइ रहल मनवाँ हमके कहाँ-कहाँजब गिर गइल बा हमरा हाथन…
अब गैरियत के बात का मन हो गइल तमामतोहरे में हम समाइल, हमिता के अब न नाम दउराइ रहल मनवाँ हमके कहाँ-कहाँजब गिर गइल बा हमरा हाथन…
अबकी बार लतियावल जइब,गंगा में धकियावल जइब,संसद से घेंटियावल जइब,हाजत में सँठियावल जइब । खूब बढ़वल दाढ़ी-मोछ,हनुमान अस लमहर पोंछ,कइल ना जनता के सोच,चलते ठेहुन आइल मोच,सोंचला…
अबरी के बार बकस मोरे साहेब। जनम-जनम कै चेरि हे।।चरन कमल मैं हृदय लगाइब। कपट कागज सब फाड़ि हे।।मैं अबला किछुओ नहीं जानौं। परपंचन के साथ हे।।पिया…
सुनि पवलीं हाँ अबहीं कहवाँ, अबहीं त बहुत कहे के बा।गूँजत आइल बा राग जवनमानीं, ह साँच बिहाग तवनसुर सूतल जहाँ भैरवी केउचरी तहवाँ अब काग कवन ?खरकल…