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डाह बा – नूरैन अंसारी

डाह बा – नूरैन अंसारी

ByadminSep 27, 20241 min read

जेने देखीं वोने,बस जलन बा डाह बा!!गावं समाज के, इ घाव गहिराह बा!! आपन त चलत बा, कौनो लाखन खींच-खाँच के,बाकिर दोसरा के चक्क्रर में लोग तबाह बा!! कोहर के बोली त ,लोग के लागेला निक,आ खुल के हंस दिहल,…

झुर – झुर बहे पुरवइया/ डॉ॰ कमलेश राय

झुर – झुर बहे पुरवइया/ डॉ॰ कमलेश राय

ByadminOct 4, 20241 min read

सबेरे-भोरे झुर-झुर बहे पुरवइया । ढरकि-ढरकि जाय मोरा माथे कऽ अंचराबहहि – बहकि जाय मोरा अंखियन कऽ कजराभौंरा कऽ आस जोहे अल्हड़ अमरइया प्राची के दरपन से…

जोतिया के बतिया के / कन्हैया लाल पण्डित

जोतिया के बतिया के / कन्हैया लाल पण्डित

हाथ जोड़ि विनती करी ना गुरुदेव जी केचरन के धुरी लेई माथ प चढ़ाइनाबेरी-बेरी सुमिरीना गुरु के चरनिया केनाथ अब पनिया से पिण्ड के सँवारी नादिहनी जे…

जेहल में बंद बा/ दुर्गेन्द्र अकारी

जेहल में बंद बा/ दुर्गेन्द्र अकारी

ByadminSep 26, 20241 min read

जेकरा कम्मर ना, चट्ट, बरतन बा,रे लोगवा, जेहल में बंद बा ना! केहू-केहू से बरतन ले के, कसहूं करत भोजन बाजेल जीवन प ध्यान ना देता, केहिविधि…

जेकरा से आस रहे/ विद्या शंकर विद्यार्थी

जेकरा से आस रहे/ विद्या शंकर विद्यार्थी

ByadminSep 27, 20241 min read

जेकरा से आस रहे बाप के करतूत ना ढोईउहो अब तऽ ओही राह पर दर‌ के चलताजमाना के आँख में धूर झोंकला प लिख लेलातसल्ली एतने बा…

जुग पुरुष कहावऽ / वेद प्रकाश व्दिवेदी

जुग पुरुष कहावऽ / वेद प्रकाश व्दिवेदी

ByadminOct 4, 20241 min read

हो भाई सुनऽ, अपने मत धुनऽ;दोसरो के बतिया के मनवा में गुनऽ । सही बात सोचऽ, मुँहवा मत नोचऽ;बात मत बनावऽ, काम करऽ आवऽ । काम बहुत…

जीअन ईयाद आवेले / केशव मोहन पाण्डेय

जीअन ईयाद आवेले / केशव मोहन पाण्डेय

जीअन कहले गाँव मेंपिपरा के छाँव मेंइनरा के पानी परलौकी-कोहड़ा छान्ही परजे के मन करेतूरे, खाये,धोबीघटवा में डुबकी लगाये।सभे भाई-भतीजा हऽ,गाँव के दमदासबके जीजा हऽ।बोधा भाईगाँव भर…

जिनिगी के समय हेरा के पवले के बाटे/ संजय…

जिनिगी के समय हेरा के पवले के बाटे/ संजय…

ByadminSep 25, 20241 min read

जिनिगी के समय हेरा के पवले के बाटेबूढ़ी समइया पथ पर धवले के बाटे बचपन से गोड़ सम्हार के राखऽ ए भाईगिरल मुसाफिर कबो उठवले के बाटे हँसत खेलत…

जिनगी से /आर. डी. एन. श्रीवास्तव

जिनगी से /आर. डी. एन. श्रीवास्तव

ByadminSep 26, 20241 min read

बहा देलू सोना, बचावे लू पानी।कवन भोर सपना देखावेलू रानी।। गदहा क पीठ पर बानर सवार बाका देखी रोगिन क बैदे बेमार बाकाने से दूनो बहिर बाने…

जिनगी रोटी ना हs / केशव मोहन पाण्डेय

जिनगी रोटी ना हs / केशव मोहन पाण्डेय

जिनगीखाली तइयार रोटी ना हऽपानी हऽपिसान हऽरात के अन्हरिया परटहकत बिहान हऽकुदारी के बेंट परठेहा लागल हाथ हऽकोड़ झोर कइला परसगरो बनत बात हऽबैलन के जोत हऽहर…

कविता/ गीत / गज़ल - भोजपुरी मंथन - Page 18