दूध के धोवल केहू नईखे, सबके मगज में खोट बा।जुबान के इज्जत केहू करे ना, सबके नजर में नोट बा॥ नोट के खातिर आपन अनकर, लोग भुलाईल कान्ह।तन के माटी सभे सँवारे, तू प्रेम के गाँठरी के बान्ह॥ बिष कुंभ…