Image Slide 1
Image Slide 1

previous arrowprevious arrow
next arrownext arrow

आरोही पचीसा / चौधरी कन्हैया प्रसाद सिंह ‘आरोही’

adminSep 20, 20242 min read

अनजाना राही कहे, गलत के राह।बुद्धिमान सम्मान के, करे कबो ना चाह ॥1॥अनभल केहू के कइल, अपने पथ के कांट।आरोही जीवन बदे, जीवन के सुख बांट ॥2॥अनुशासन चादर तले, विहंसत घर परिवार।अनुशासन के त्याग के ज्वालामय संसार ॥3॥अंधकार में राह…

आईल बाटे फिर से बाबा शिवरात्रि के त्यौहार/ अभयकृष्ण त्रिपाठी

adminOct 7, 20241 min read

आईल बाटे फिर से बाबा शिवरात्रि के त्यौहार,भोले बाबा सुनी लिह बिनती हमार,मत दीह केहु के भी कवनो उपहार,भोले बाबा, भोले बाबा, भोले बाबा हमार II पापियन के नाश के महिमा सुनाईले,भस्मासुर के लीला भी भूले ना भुलाईले,भरल बाटे एही…

लोक जीवन में राम जी के आस्था – जनकदेव जनक

adminSep 26, 20244 min read

“जय रामजी के भाई,” सामने से आवत बुधन के देख के लोटन प्रनाम कइलें आ पूछलें, “का हाल बा ?” “राम राम भाई। सब रामजी के दया बाटे। तू बताव आपन हालचाल। कइसन बाड़अ?” लोटन प्रनाम के जवाब देत पूछलें।…

नायका बरिस /प्रिंस रितुराज दुबे

adminSep 26, 20241 min read

नायका बरिस लेके आईल बहार होनाया नाया होई हजार धमाल हो |मन के भीतरिया ख़ुशी के उमंगआकाश में चमके सतरंगी पतंग | दईब करस कुछु अईसन कमालजिनगी में हो जाये खुशी के बहाल |देशवा में होता कईसन बवालओराजाय दुःख बिपत के ईनार…

का कहीं

तार तार लूँगा बा, झूला बा, का कहीं ?देहिं तोपल-ढांकल त मुश्किल बा,का कहीं?? माथ पर ईंटा, कबों सिरमिट के तागड़ी बा ।आँखि में लोर,मन में पीरा बा, का कहीं ?? कबों-कबों,किस्मति के पत्थरो ऊ तूरति बा ।मजदूरिनि ह,काम त करहीं के…

कविता

  • सानेट: अहिंसा / मोती बी.ए.

    अहिंसक बाघ जो होखे बड़ाई सब करी ओकरअहिंसा के महातन के सुनी बकरी के मुँहें सेपुजाली देस में दुर्गा सवारी बाघ ह जेकरनहालें व्यालमाली नित्य गंगाजल से दूबी सेसमूचा देस होके एक बोले एक सुर से जोखड़ा हो तानि के…

आदमी से आदमी अझुराइल…

आदमी से आदमी अझुराइल…

आदमी से आदमी अझुराइल बा।सभे एक दोसरा से डेराइल बा।मिल्लत…

dummy-img

आधी-आधी रात रतिया के…

आधी-आधी रात रतिया के पिहिके पपिहरा से बैरनिया भइली नामोरा…

आधी-आधी रात रतिया के…

आधी-आधी रात रतिया के…

आधी-आधी रात रतिया के पिहिके पपिहरा से बैरनिया भइली नामोरा…

आपन हमदर्द/ दीपक तिवारी

आपन हमदर्द/ दीपक तिवारी

माई जइसन,प्यार करे,ना करि केहू,आपन हमदर्द,चाहें केतनो, होई सेहूँ। माई…

गीत

  • सानेट: अहिंसा / मोती बी.ए.

    अहिंसक बाघ जो होखे बड़ाई सब करी ओकरअहिंसा के महातन के सुनी बकरी के मुँहें सेपुजाली देस में दुर्गा सवारी बाघ ह जेकरनहालें व्यालमाली नित्य गंगाजल से दूबी सेसमूचा देस होके एक बोले एक सुर से जोखड़ा हो तानि के…

आदमी के हाथ में जब नाथ…

आदमी के हाथ में जब नाथ…

आदमी के हाथ में जब नाथ बाटेतब कवन…

dummy-img

ऋतु गीत

कुहुकि-कुहुकि कुहकावे कोइलिया,कुहुकि-कुहुकि कुहुकावे।। पतझड़ आइल, उजड़ल बगिया,मधु…

का कहीं

का कहीं

तार तार लूँगा बा, झूला बा, का कहीं ?देहिं…

Recent

सावन सुहागन/ ब्रजेन्द्र कुमार सिन्हा

सावन सुहागन/ ब्रजेन्द्र कुमार सिन्हा

adminOct 4, 20241 min read

सावन सुहागननिरखे अंचरवा,चल भइली विरहिन – भेष ?मास भदउआना लागे भयावनविरहिन उठे ना कलेश.धानी रे चदरियारंग दुपहरियाधरी ले ली जोगिनी के भेष.सुपुली के सोनवाभइले सपनवाचल पिया बसे परदेस.हरी-हरी चुड़ियाहरी रे चुनरियामिली नाहीं अब एही देश.

जुग पुरुष कहावऽ / वेद प्रकाश व्दिवेदी

जुग पुरुष कहावऽ / वेद प्रकाश व्दिवेदी

adminOct 4, 20241 min read

हो भाई सुनऽ, अपने मत धुनऽ;दोसरो के बतिया के मनवा में गुनऽ । सही बात सोचऽ, मुँहवा मत नोचऽ;बात मत बनावऽ, काम करऽ आवऽ । काम बहुत ढेर बा, हो गइल देर बा;हठ मत ठानऽ, बात असल जानऽ 1 बाबू…