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गंगा की सफाई योजना/ प्रभास चन्द्र कुमार सिंह

adminOct 1, 20241 min read

गंगा की सफाई चेष्टा, योजना के लक्ष्य मान,राष्ट्रव्यापी सबके द्वारा, कार्य अभियान बा ।सरकारी सामाजिक भी, धार्मिक संस्थान सेहू,हर देशवासी शामिल विदेशियो मेहमान बा । स्वतःस्फूर्त चाहे, दूजा द्वारा प्रेरित होकर,धर्म कर्तव्य नीज, दायित्व मान लागे बा।सबसे प्रधान लेकिन, जासे…

जिनिगी के समय हेरा के पवले के बाटे/ संजय कुमार मौर्य

adminSep 25, 20241 min read

जिनिगी के समय हेरा के पवले के बाटेबूढ़ी समइया पथ पर धवले के बाटे बचपन से गोड़ सम्हार के राखऽ ए भाईगिरल मुसाफिर कबो उठवले के बाटे हँसत खेलत अदमी के गर्दन रेतल जातालेकिन मूअल आदमी कबो जीयवले के बाटे बा केतना…

धर्माचरण/ प्रभास चन्द्र कुमार सिंह

adminOct 4, 20241 min read

सिख मुसलमान जहाँ, इसाई हिन्दूवान जहाँ,रहत भी समान जहाँ, उहे बिहार ह5 | आदिवासी थारु जहाँ, उराँव संथारू जहाँ,चेरो खरवारू जहाँ, उहे बिहार हऽ । धार्मिक त्योहार जहाँ, उत्सव लोकाचार जहाँ,सौहार्द्र-व्यवहार जहाँ, उहे बिहार हऽ आपसी सद्भाव जहाँ, हेल-मेल भाव…

अशेष प्रेम प्रत्यय / परिचय दास

परिचय दासSep 22, 20243 min read

कई बेर सांझी के बेराबँसवारी के ललचौंह में चुपचाप बइठलएगो छेड़ देईलाँ किस्सा कहनीअढ़उल के फूल के गप्पगुल्लर के पेड़ के अंतरंग अलापपृथिवी के शब्दहीनता के भावआत्मा के उड़ान भरत लइकन के उजासअकास के इंद्रधनु के भित्तर बइसल एगो कोमल…

सपना / केशव मोहन पाण्डेय

हमहूँ सपना देखेनीसपनवे ओढ़ेनीसपनवे बिछावेनी,पेट के क्षुब्धासपनवे से मेटावेनी।सपने से चलत सँसरी बाजेकरा लगे सपना नइखेओकर जिनगी तऽजीअतके में फँसरी बाऽ।हमरा लगेझोरा भर के सपना बासपना के अंबार बा,सपना नइखे तऽसब धूराऽ,सपनवे से घर-संसार बाऽ।सपना हऽबाबूजी के असरा केमाई के…

कविता

  • सानेट: अहिंसा / मोती बी.ए.

    अहिंसक बाघ जो होखे बड़ाई सब करी ओकरअहिंसा के महातन के सुनी बकरी के मुँहें सेपुजाली देस में दुर्गा सवारी बाघ ह जेकरनहालें व्यालमाली नित्य गंगाजल से दूबी सेसमूचा देस होके एक बोले एक सुर से जोखड़ा हो तानि के…

आदमी से आदमी अझुराइल…

आदमी से आदमी अझुराइल…

आदमी से आदमी अझुराइल बा।सभे एक दोसरा से डेराइल बा।मिल्लत…

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आधी-आधी रात रतिया के…

आधी-आधी रात रतिया के पिहिके पपिहरा से बैरनिया भइली नामोरा…

आधी-आधी रात रतिया के…

आधी-आधी रात रतिया के…

आधी-आधी रात रतिया के पिहिके पपिहरा से बैरनिया भइली नामोरा…

आपन हमदर्द/ दीपक तिवारी

आपन हमदर्द/ दीपक तिवारी

माई जइसन,प्यार करे,ना करि केहू,आपन हमदर्द,चाहें केतनो, होई सेहूँ। माई…

गीत

  • सानेट: अहिंसा / मोती बी.ए.

    अहिंसक बाघ जो होखे बड़ाई सब करी ओकरअहिंसा के महातन के सुनी बकरी के मुँहें सेपुजाली देस में दुर्गा सवारी बाघ ह जेकरनहालें व्यालमाली नित्य गंगाजल से दूबी सेसमूचा देस होके एक बोले एक सुर से जोखड़ा हो तानि के…

आदमी के हाथ में जब नाथ…

आदमी के हाथ में जब नाथ…

आदमी के हाथ में जब नाथ बाटेतब कवन…

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ऋतु गीत

कुहुकि-कुहुकि कुहकावे कोइलिया,कुहुकि-कुहुकि कुहुकावे।। पतझड़ आइल, उजड़ल बगिया,मधु…

का कहीं

का कहीं

तार तार लूँगा बा, झूला बा, का कहीं ?देहिं…

Recent

सावन सुहागन/ ब्रजेन्द्र कुमार सिन्हा

सावन सुहागन/ ब्रजेन्द्र कुमार सिन्हा

adminOct 4, 20241 min read

सावन सुहागननिरखे अंचरवा,चल भइली विरहिन – भेष ?मास भदउआना लागे भयावनविरहिन उठे ना कलेश.धानी रे चदरियारंग दुपहरियाधरी ले ली जोगिनी के भेष.सुपुली के सोनवाभइले सपनवाचल पिया बसे परदेस.हरी-हरी चुड़ियाहरी रे चुनरियामिली नाहीं अब एही देश.

जुग पुरुष कहावऽ / वेद प्रकाश व्दिवेदी

जुग पुरुष कहावऽ / वेद प्रकाश व्दिवेदी

adminOct 4, 20241 min read

हो भाई सुनऽ, अपने मत धुनऽ;दोसरो के बतिया के मनवा में गुनऽ । सही बात सोचऽ, मुँहवा मत नोचऽ;बात मत बनावऽ, काम करऽ आवऽ । काम बहुत ढेर बा, हो गइल देर बा;हठ मत ठानऽ, बात असल जानऽ 1 बाबू…