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देवर-भाभी संवाद/ देवेन्द्र आर्य

adminSep 26, 20242 min read

सुरुज के डुबलेकिरिनिया के सुतले,भउजी न छोडि़हा दुआर होखेते-खलिहाने तू अकेले जिनि जइहाढुकल होइहें हुड़ार हो दाग लगि जाई जे इज्जतिया पर तोहरेझुकी गरदनिया हमार होनीक बाउर, रुख-सूख जउने हम कमाइबओतने में चली घर-बार हो हुड़रा के डरडर ओसे कहीं…

पानी के पियासि पानीये बुझावेला/ भावेश अंजन

adminSep 27, 20241 min read

पा के पानी के पानी जवान हो गइल।सुखत जिनगी के पुरा अरमान हो गइल॥ झउसत रहे धरती अबे हरिअराइलपपनी के पानी जस जाता बढ़िआइलआजु बदरा बा आपन मेहमान हो गइल॥ टुटल पिरीत जस कोरा में कसिकेजियरा जुड़ावेला जुड़ा में फसि…

आजाद तितली/ बब्लु सिंह

adminSep 25, 20241 min read

जा तितली जा उड़ जा तू,एह दिल के दुवारी से…हक़ बुझाता नइखे अब,कि तोहके रखी बरिआरी से !! ए तितली जा उड़ जा तू,एह दिल के दुवारी से……….. समय बावे खराब त तोहके,नइखी हम समझा सकत,ताहरा बिना जग सुना लागे,नइखी हम बतला सकत !…

माटी के अँजोर / जितराम पाठक

जितराम पाठकApr 3, 20251 min read

सूप भरि रूप केसनूख भरि सोहुआ मेंसानल सनेहिया सलोरआन अवरू अपना केनेह-नाता गरगटलहना के बाटुरे बटोर।सोनवा के जाल मेंघेराइल सारी दुनियायोग के वियोग में पेराइल सारी दुनियाकिरन के बानकेहू मारेला अनेरियामाटी के सुवास छिलरावेला अहेरियादेहिया के नाता नधले बाझकझोरियाअन्हरा के…

जवाहिर लाल/ झुन्नी लाल

adminOct 4, 20241 min read

जवाहिर लाल दिहलन गरीब दुख टारी ।बहुत दिनन से गुलामी रहे जारी । सेकरा के कइलन उजारी || जवा०भइया गरीब के कटल दुख भारी | नाया-नाया कानून देखऽ कइलन जारी ॥ जवा०बापू – पथ चलि के कइलन उपकारी । देस…

कविता

  • सानेट: अहिंसा / मोती बी.ए.

    अहिंसक बाघ जो होखे बड़ाई सब करी ओकरअहिंसा के महातन के सुनी बकरी के मुँहें सेपुजाली देस में दुर्गा सवारी बाघ ह जेकरनहालें व्यालमाली नित्य गंगाजल से दूबी सेसमूचा देस होके एक बोले एक सुर से जोखड़ा हो तानि के…

आदमी से आदमी अझुराइल…

आदमी से आदमी अझुराइल…

आदमी से आदमी अझुराइल बा।सभे एक दोसरा से डेराइल बा।मिल्लत…

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आधी-आधी रात रतिया के…

आधी-आधी रात रतिया के पिहिके पपिहरा से बैरनिया भइली नामोरा…

आधी-आधी रात रतिया के…

आधी-आधी रात रतिया के…

आधी-आधी रात रतिया के पिहिके पपिहरा से बैरनिया भइली नामोरा…

आपन हमदर्द/ दीपक तिवारी

आपन हमदर्द/ दीपक तिवारी

माई जइसन,प्यार करे,ना करि केहू,आपन हमदर्द,चाहें केतनो, होई सेहूँ। माई…

गीत

  • सानेट: अहिंसा / मोती बी.ए.

    अहिंसक बाघ जो होखे बड़ाई सब करी ओकरअहिंसा के महातन के सुनी बकरी के मुँहें सेपुजाली देस में दुर्गा सवारी बाघ ह जेकरनहालें व्यालमाली नित्य गंगाजल से दूबी सेसमूचा देस होके एक बोले एक सुर से जोखड़ा हो तानि के…

आदमी के हाथ में जब नाथ…

आदमी के हाथ में जब नाथ…

आदमी के हाथ में जब नाथ बाटेतब कवन…

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ऋतु गीत

कुहुकि-कुहुकि कुहकावे कोइलिया,कुहुकि-कुहुकि कुहुकावे।। पतझड़ आइल, उजड़ल बगिया,मधु…

का कहीं

का कहीं

तार तार लूँगा बा, झूला बा, का कहीं ?देहिं…

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सावन सुहागन/ ब्रजेन्द्र कुमार सिन्हा

सावन सुहागन/ ब्रजेन्द्र कुमार सिन्हा

adminOct 4, 20241 min read

सावन सुहागननिरखे अंचरवा,चल भइली विरहिन – भेष ?मास भदउआना लागे भयावनविरहिन उठे ना कलेश.धानी रे चदरियारंग दुपहरियाधरी ले ली जोगिनी के भेष.सुपुली के सोनवाभइले सपनवाचल पिया बसे परदेस.हरी-हरी चुड़ियाहरी रे चुनरियामिली नाहीं अब एही देश.

जुग पुरुष कहावऽ / वेद प्रकाश व्दिवेदी

जुग पुरुष कहावऽ / वेद प्रकाश व्दिवेदी

adminOct 4, 20241 min read

हो भाई सुनऽ, अपने मत धुनऽ;दोसरो के बतिया के मनवा में गुनऽ । सही बात सोचऽ, मुँहवा मत नोचऽ;बात मत बनावऽ, काम करऽ आवऽ । काम बहुत ढेर बा, हो गइल देर बा;हठ मत ठानऽ, बात असल जानऽ 1 बाबू…