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पथल के भगवान/ सुरेन्द्र प्रसाद गिरि

adminOct 1, 20241 min read

पथल के हो भगवान !हो तोरे जगवा में दहकल बा आग —— ।। टेक ॥।घुट-घुट जीअत इंसानहो तोरे जगवा में दहकल बा आग –दानी हरिचनदर के सड़क पर बिकवलsतारामती रनिया के चेरिया बनवलsबिपते में रोहित के डंसलख नागपथल के हो…

लोक सुदर्शन संधान/  राधा मोहन राधेश

adminOct 1, 20241 min read

भोर भइल बापू सपना के, भागल भूत अन्हारसूतल सुगना ताके लागल, फड़कलपाँख पुरान ।पिजड़ा के पीड़ाइल चिरई, कबहुं सुछंद उड़ जालेबंदी देहिया तपल साधक के बान्हल ना मन माने,चित्त चेतना हिया-राह के सभकर भीतर के जानसूतल सुगना ताके लागल, फड़कल…

माई / कनक किशोर 

adminOct 1, 20241 min read

तोहार अँचरा के छंहिया भुलाई कइसे माई | रगे रगे बसेला तोहारे खून देहिया मेंसब सुख पवनी हम तोहरे बहिया मेंरात भर जागि जागि हमके सुतवलू तूहमरो गलतिया के सबसे छुपवलू तूसाँच ह ई बतिया सुन मोर बिपतियातोहार आजो फाटे…

इकिसवी सदी में चलल गांव देखीं / प्रमोद कुमार तिवारी

इकिसवी सदी में चलल गांव देखींगरीबी लाचारी से भरल गांव देखीं उजड़ल सपनवा के गठरी मिलल हसुराज जोहत एगो ठठरी मिलल हस्कूली के नांव प बस पटरी मिलल हटुकी-टुकी हो के पड़ल गांव देखीं…इकिसवी सदी में चलल गांव देखीं हीरो…

सावन सूतल भागल भादो / कमला प्रसाद मिश्र ‘विप्र’

सावन सूतल भागल भादोशरद शुभ आइल हे!बुलुकि-बुलुकि रोइ के बदरा चुपाइल,नदी-ताल-तलइयन के ओठा झुराइल।झँखत झिंगुरवा कोना अँतरा लुकाइल,कास बुढ़ाइल हे, घरद शुभ आइल हे!उगल अगस्त आ आकाश अगराइल,उतरलि खँड़लिच, मोरवा लुकाइल।चिहुकि चकइया चितवे, चकवा चिहाइल,चान मुसकाइल हे, शरद शुभ आइल…

कविता

  • सानेट: अहिंसा / मोती बी.ए.

    अहिंसक बाघ जो होखे बड़ाई सब करी ओकरअहिंसा के महातन के सुनी बकरी के मुँहें सेपुजाली देस में दुर्गा सवारी बाघ ह जेकरनहालें व्यालमाली नित्य गंगाजल से दूबी सेसमूचा देस होके एक बोले एक सुर से जोखड़ा हो तानि के…

आदमी से आदमी अझुराइल…

आदमी से आदमी अझुराइल…

आदमी से आदमी अझुराइल बा।सभे एक दोसरा से डेराइल बा।मिल्लत…

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आधी-आधी रात रतिया के…

आधी-आधी रात रतिया के पिहिके पपिहरा से बैरनिया भइली नामोरा…

आधी-आधी रात रतिया के…

आधी-आधी रात रतिया के…

आधी-आधी रात रतिया के पिहिके पपिहरा से बैरनिया भइली नामोरा…

आपन हमदर्द/ दीपक तिवारी

आपन हमदर्द/ दीपक तिवारी

माई जइसन,प्यार करे,ना करि केहू,आपन हमदर्द,चाहें केतनो, होई सेहूँ। माई…

गीत

  • सानेट: अहिंसा / मोती बी.ए.

    अहिंसक बाघ जो होखे बड़ाई सब करी ओकरअहिंसा के महातन के सुनी बकरी के मुँहें सेपुजाली देस में दुर्गा सवारी बाघ ह जेकरनहालें व्यालमाली नित्य गंगाजल से दूबी सेसमूचा देस होके एक बोले एक सुर से जोखड़ा हो तानि के…

आदमी के हाथ में जब नाथ…

आदमी के हाथ में जब नाथ…

आदमी के हाथ में जब नाथ बाटेतब कवन…

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ऋतु गीत

कुहुकि-कुहुकि कुहकावे कोइलिया,कुहुकि-कुहुकि कुहुकावे।। पतझड़ आइल, उजड़ल बगिया,मधु…

का कहीं

का कहीं

तार तार लूँगा बा, झूला बा, का कहीं ?देहिं…

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सावन सुहागन/ ब्रजेन्द्र कुमार सिन्हा

सावन सुहागन/ ब्रजेन्द्र कुमार सिन्हा

adminOct 4, 20241 min read

सावन सुहागननिरखे अंचरवा,चल भइली विरहिन – भेष ?मास भदउआना लागे भयावनविरहिन उठे ना कलेश.धानी रे चदरियारंग दुपहरियाधरी ले ली जोगिनी के भेष.सुपुली के सोनवाभइले सपनवाचल पिया बसे परदेस.हरी-हरी चुड़ियाहरी रे चुनरियामिली नाहीं अब एही देश.

जुग पुरुष कहावऽ / वेद प्रकाश व्दिवेदी

जुग पुरुष कहावऽ / वेद प्रकाश व्दिवेदी

adminOct 4, 20241 min read

हो भाई सुनऽ, अपने मत धुनऽ;दोसरो के बतिया के मनवा में गुनऽ । सही बात सोचऽ, मुँहवा मत नोचऽ;बात मत बनावऽ, काम करऽ आवऽ । काम बहुत ढेर बा, हो गइल देर बा;हठ मत ठानऽ, बात असल जानऽ 1 बाबू…