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नेता – सूत्र/ अरुण भोजपुरी

adminOct 4, 20241 min read

टाटा-बिरला के गरीआव नेता बन जा ।घर-घर के ममिला अझुराव नेता बन जा ॥ मन्दिर-मस्जिद गिरजा गुरुद्वारा में चक चक तोहरेपहिले दंगा करवा पाछे रोवगाव नेता बन जा ॥ कोठा-कोटा कोट-कचहरी कार पचावे कोठीभुखड़न के रोटी बंटवाव नेता बन जा…

दहेज क चलनिया/ तारकेश्वर राय

adminSep 25, 20242 min read

देखीं बदल गईल, सभकर चलनियाबदल गईल गांव शहर मालिक मलकिनियाबदल गइले गुरु चेला, घर दुवार अउरी चोहनीआडहर त बदली गईल, बदलल मुहनिया ना बदलल त एके बात, दहेज़ के चलानियाबढ़ते जात बा, चाहे अजोर हो चाहे अन्हरियाएके कोख से जनमेला, बेटा…

गीत-गजले सुनाइब/ रामेश्वर प्रसाद सिन्हा ‘पीयूष’

adminOct 4, 20241 min read

जहँवा जे पाइब, हिया से लगाइब,हँस-हँस के ना ।गीत – गजले सुनाइब, हँसि-हँस के ना । रहता के बिन-बिन कँटवा हटाइब,हँस-हँस के ना ।फूल अनघा बिछाइब, हँस-हँस के ना । सिसवा के टुकड़ा गिरल जे, उठाइब,हँस-हँस के ना ।ओके अएना…

गर्मी के छुट्टी – निशा राय

adminSep 27, 20241 min read

शुरू भइल गर्मी के छुट्टी,मत करिहा पुस्तक से कुट्टी। सूरज के विकराल रूप से,बचके रहिहा कड़ा धूप से। रोज पाठ दुहरावत रहिहा,खीरा-ककरी खावत रहिहा। मामा-मौसी के घर जइहानाना-नानी से मिल अइहा। काम समय पर पूरा करिहा,मैडम के दुलरुआ रहिहा। एक…

आखर-आखर झूठ लगे अब – अक्षय कुमार पाण्डेय

adminSep 26, 20241 min read

सपना कs पुल टूट गइल बानाव कहीं ना लउके,आस – पास अन्हियार बहुत बागाँव कहीं ना लउके,चाल करे घरियाल नदी मेंहर पत्थर पर काई केशवकइसे लड़ीं लड़ाई केशव!कइसे लड़ीं लड़ाई………..। रोज वसूले मौसम करजाजिनिगी भइल जुआरी,मुअतो नइखे भूख उड़ासीमुँह से…

कविता

  • सानेट: अहिंसा / मोती बी.ए.

    अहिंसक बाघ जो होखे बड़ाई सब करी ओकरअहिंसा के महातन के सुनी बकरी के मुँहें सेपुजाली देस में दुर्गा सवारी बाघ ह जेकरनहालें व्यालमाली नित्य गंगाजल से दूबी सेसमूचा देस होके एक बोले एक सुर से जोखड़ा हो तानि के…

आदमी से आदमी अझुराइल…

आदमी से आदमी अझुराइल…

आदमी से आदमी अझुराइल बा।सभे एक दोसरा से डेराइल बा।मिल्लत…

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आधी-आधी रात रतिया के…

आधी-आधी रात रतिया के पिहिके पपिहरा से बैरनिया भइली नामोरा…

आधी-आधी रात रतिया के…

आधी-आधी रात रतिया के…

आधी-आधी रात रतिया के पिहिके पपिहरा से बैरनिया भइली नामोरा…

आपन हमदर्द/ दीपक तिवारी

आपन हमदर्द/ दीपक तिवारी

माई जइसन,प्यार करे,ना करि केहू,आपन हमदर्द,चाहें केतनो, होई सेहूँ। माई…

गीत

  • सानेट: अहिंसा / मोती बी.ए.

    अहिंसक बाघ जो होखे बड़ाई सब करी ओकरअहिंसा के महातन के सुनी बकरी के मुँहें सेपुजाली देस में दुर्गा सवारी बाघ ह जेकरनहालें व्यालमाली नित्य गंगाजल से दूबी सेसमूचा देस होके एक बोले एक सुर से जोखड़ा हो तानि के…

आदमी के हाथ में जब नाथ…

आदमी के हाथ में जब नाथ…

आदमी के हाथ में जब नाथ बाटेतब कवन…

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ऋतु गीत

कुहुकि-कुहुकि कुहकावे कोइलिया,कुहुकि-कुहुकि कुहुकावे।। पतझड़ आइल, उजड़ल बगिया,मधु…

का कहीं

का कहीं

तार तार लूँगा बा, झूला बा, का कहीं ?देहिं…

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सावन सुहागन/ ब्रजेन्द्र कुमार सिन्हा

सावन सुहागन/ ब्रजेन्द्र कुमार सिन्हा

adminOct 4, 20241 min read

सावन सुहागननिरखे अंचरवा,चल भइली विरहिन – भेष ?मास भदउआना लागे भयावनविरहिन उठे ना कलेश.धानी रे चदरियारंग दुपहरियाधरी ले ली जोगिनी के भेष.सुपुली के सोनवाभइले सपनवाचल पिया बसे परदेस.हरी-हरी चुड़ियाहरी रे चुनरियामिली नाहीं अब एही देश.

जुग पुरुष कहावऽ / वेद प्रकाश व्दिवेदी

जुग पुरुष कहावऽ / वेद प्रकाश व्दिवेदी

adminOct 4, 20241 min read

हो भाई सुनऽ, अपने मत धुनऽ;दोसरो के बतिया के मनवा में गुनऽ । सही बात सोचऽ, मुँहवा मत नोचऽ;बात मत बनावऽ, काम करऽ आवऽ । काम बहुत ढेर बा, हो गइल देर बा;हठ मत ठानऽ, बात असल जानऽ 1 बाबू…