Image Slide 1
Image Slide 1

previous arrowprevious arrow
next arrownext arrow

देखत मौत के अब लजाइल का बानी / नागेन्द्र प्रसाद सिंह

देखत मौत के अब लजाइल का बानीजो जाहीं के बा, त तवाइल का बानी करे के रहे जे, ऊ सब हो गइल बाकिनाने चहुँप के छछाइल का बानी बहुत दूर उड़लीं अकासे-पतालेकरीं थिर मन के हहाइल का बानी बहुत दिन…

गोरख बाणी / गोरखनाथ

गोरखनाथSep 20, 20241 min read

 नाथ बोले अमृत बाणी  वरिषेगी कंबली भीजैगा पाणी ।गाडी पडरवा बांधिले शूंटा, चले दमामा बाजिलै ऊंटा ।कऊवा की डाली पीपल बासे, मूसा कै सबद बिलइया नासे ।चलै बटावा थाकी बाट, सोवै डूकरिया ठोरे षाट ।ढूकिले कूकर भूकिले चोर, काढै धणी…

आईल बाटे फिर से बाबा शिवरात्रि के त्यौहार/ अभयकृष्ण त्रिपाठी

adminOct 7, 20241 min read

आईल बाटे फिर से बाबा शिवरात्रि के त्यौहार,भोले बाबा सुनी लिह बिनती हमार,मत दीह केहु के भी कवनो उपहार,भोले बाबा, भोले बाबा, भोले बाबा हमार II पापियन के नाश के महिमा सुनाईले,भस्मासुर के लीला भी भूले ना भुलाईले,भरल बाटे एही…

सावन सूतल भागल भादो / कमला प्रसाद मिश्र ‘विप्र’

सावन सूतल भागल भादोशरद शुभ आइल हे!बुलुकि-बुलुकि रोइ के बदरा चुपाइल,नदी-ताल-तलइयन के ओठा झुराइल।झँखत झिंगुरवा कोना अँतरा लुकाइल,कास बुढ़ाइल हे, घरद शुभ आइल हे!उगल अगस्त आ आकाश अगराइल,उतरलि खँड़लिच, मोरवा लुकाइल।चिहुकि चकइया चितवे, चकवा चिहाइल,चान मुसकाइल हे, शरद शुभ आइल…

आमवा से अमरित टपके/ ओमप्रकाश अमृतांशु

adminOct 7, 20241 min read

आमवा से अमरित टपके ,चह-चह चहके चिरइयाँ.महुआ सुगंध में मातल,कुकू -कुकू कुकेले कोइलिया .कि आरे काऊँ- काऊँ करेला रे कागावाछप्परवा पे बिरहा गवाइल.

कविता

  • सानेट: अहिंसा / मोती बी.ए.

    अहिंसक बाघ जो होखे बड़ाई सब करी ओकरअहिंसा के महातन के सुनी बकरी के मुँहें सेपुजाली देस में दुर्गा सवारी बाघ ह जेकरनहालें व्यालमाली नित्य गंगाजल से दूबी सेसमूचा देस होके एक बोले एक सुर से जोखड़ा हो तानि के…

आदमी से आदमी अझुराइल…

आदमी से आदमी अझुराइल…

आदमी से आदमी अझुराइल बा।सभे एक दोसरा से डेराइल बा।मिल्लत…

dummy-img

आधी-आधी रात रतिया के…

आधी-आधी रात रतिया के पिहिके पपिहरा से बैरनिया भइली नामोरा…

आधी-आधी रात रतिया के…

आधी-आधी रात रतिया के…

आधी-आधी रात रतिया के पिहिके पपिहरा से बैरनिया भइली नामोरा…

आपन हमदर्द/ दीपक तिवारी

आपन हमदर्द/ दीपक तिवारी

माई जइसन,प्यार करे,ना करि केहू,आपन हमदर्द,चाहें केतनो, होई सेहूँ। माई…

गीत

  • सानेट: अहिंसा / मोती बी.ए.

    अहिंसक बाघ जो होखे बड़ाई सब करी ओकरअहिंसा के महातन के सुनी बकरी के मुँहें सेपुजाली देस में दुर्गा सवारी बाघ ह जेकरनहालें व्यालमाली नित्य गंगाजल से दूबी सेसमूचा देस होके एक बोले एक सुर से जोखड़ा हो तानि के…

आदमी के हाथ में जब नाथ…

आदमी के हाथ में जब नाथ…

आदमी के हाथ में जब नाथ बाटेतब कवन…

dummy-img

ऋतु गीत

कुहुकि-कुहुकि कुहकावे कोइलिया,कुहुकि-कुहुकि कुहुकावे।। पतझड़ आइल, उजड़ल बगिया,मधु…

का कहीं

का कहीं

तार तार लूँगा बा, झूला बा, का कहीं ?देहिं…

Recent

सावन सुहागन/ ब्रजेन्द्र कुमार सिन्हा

सावन सुहागन/ ब्रजेन्द्र कुमार सिन्हा

adminOct 4, 20241 min read

सावन सुहागननिरखे अंचरवा,चल भइली विरहिन – भेष ?मास भदउआना लागे भयावनविरहिन उठे ना कलेश.धानी रे चदरियारंग दुपहरियाधरी ले ली जोगिनी के भेष.सुपुली के सोनवाभइले सपनवाचल पिया बसे परदेस.हरी-हरी चुड़ियाहरी रे चुनरियामिली नाहीं अब एही देश.

जुग पुरुष कहावऽ / वेद प्रकाश व्दिवेदी

जुग पुरुष कहावऽ / वेद प्रकाश व्दिवेदी

adminOct 4, 20241 min read

हो भाई सुनऽ, अपने मत धुनऽ;दोसरो के बतिया के मनवा में गुनऽ । सही बात सोचऽ, मुँहवा मत नोचऽ;बात मत बनावऽ, काम करऽ आवऽ । काम बहुत ढेर बा, हो गइल देर बा;हठ मत ठानऽ, बात असल जानऽ 1 बाबू…