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गाँधी जी के पथ/ झुन्नी लाल

adminOct 4, 20241 min read

चलऽ गाँधी जी के पथ चित्तलाई के ।भारथ माता के रतन बापू जी,हिन्द अजाद कइले आई के | चल 0 सत्त अहिंसा के राह अपना के,हमनी के सीख देले प्रेम लाई के | चल 0कुन्नी लाल, बाबू कीरति अमर चाह,…

बिहाने बेरिआ/ रामाज्ञा प्रसाद सिंह ‘विकल’

adminOct 4, 20241 min read

बोली कुचकुचवा बिहाने बेरिआ । कतना बारात एकर रउरा ना बूझ वानिसि निसि रतिआ के तनिको ना सूझ बादेखीं ना दलीची से रतिआ के रूपवालउकेना कुछउ अन्हारे मारे कृपवा सिरवा पर सोहे सतभइया तिनडोरिआ,बोली कुचकुचवा बिहाने बेरिआ । ना सुधर…

रहलीं करत दूध के कुल्ला/ विश्वनाथ प्रसाद शैदा

adminSep 27, 20241 min read

रहलीं करत दूध के कुल्लाछिल के खात रहीं रसगुल्लासखी हम त खुल्लम खुल्ला, झूला झूलत रहीं बुनिया फुहार मेंसावन के बहार में ना हम त रहलीं टह-टह गोरकरत रहलीं हम अँजोरमोर अँखिया के कोर, धार कहाँ अइसन तेग भा कटार…

देवी / राजकुमार प्रेमी

adminOct 1, 20241 min read

गलिये – गलिये मईया घूमि घूमि देखेली,केहू नाहीं बईठे के कहे, फुलवन्ती मईयाकेहू नाहीं बइठे के कहे । आपन महलिया से देखलस ‘प्रेमी’ सेवक,चलिं मईया हमरी दुआरी, भवानी मईया,चलिं मईया हमरी दुआरी । बइठे के देहब मईया कुशवा के आसन,निमियाँ…

बसन्त/ डॉ॰ वसंत कुमार

adminOct 4, 20241 min read

नाचे बउर बसन्त के लहरिया गुजरीमाते मधुआ से भीतर बहरिया गूजरीलेसे कोइल – पपीहा के बचनियाँ हिये सूलगूंजे मनवां के सउसे डगरिया गूजरीभुके सरम से कनियाँ गुलाब – कलियाभोरा छेड़े, नाहीं फेरे ऊ नजरिया गूजरीलाल कलिया के लागे लाल पतिया…

कविता

  • सानेट: अहिंसा / मोती बी.ए.

    अहिंसक बाघ जो होखे बड़ाई सब करी ओकरअहिंसा के महातन के सुनी बकरी के मुँहें सेपुजाली देस में दुर्गा सवारी बाघ ह जेकरनहालें व्यालमाली नित्य गंगाजल से दूबी सेसमूचा देस होके एक बोले एक सुर से जोखड़ा हो तानि के…

आदमी से आदमी अझुराइल…

आदमी से आदमी अझुराइल…

आदमी से आदमी अझुराइल बा।सभे एक दोसरा से डेराइल बा।मिल्लत…

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आधी-आधी रात रतिया के…

आधी-आधी रात रतिया के पिहिके पपिहरा से बैरनिया भइली नामोरा…

आधी-आधी रात रतिया के…

आधी-आधी रात रतिया के…

आधी-आधी रात रतिया के पिहिके पपिहरा से बैरनिया भइली नामोरा…

आपन हमदर्द/ दीपक तिवारी

आपन हमदर्द/ दीपक तिवारी

माई जइसन,प्यार करे,ना करि केहू,आपन हमदर्द,चाहें केतनो, होई सेहूँ। माई…

गीत

  • सानेट: अहिंसा / मोती बी.ए.

    अहिंसक बाघ जो होखे बड़ाई सब करी ओकरअहिंसा के महातन के सुनी बकरी के मुँहें सेपुजाली देस में दुर्गा सवारी बाघ ह जेकरनहालें व्यालमाली नित्य गंगाजल से दूबी सेसमूचा देस होके एक बोले एक सुर से जोखड़ा हो तानि के…

आदमी के हाथ में जब नाथ…

आदमी के हाथ में जब नाथ…

आदमी के हाथ में जब नाथ बाटेतब कवन…

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ऋतु गीत

कुहुकि-कुहुकि कुहकावे कोइलिया,कुहुकि-कुहुकि कुहुकावे।। पतझड़ आइल, उजड़ल बगिया,मधु…

का कहीं

का कहीं

तार तार लूँगा बा, झूला बा, का कहीं ?देहिं…

Recent

सावन सुहागन/ ब्रजेन्द्र कुमार सिन्हा

सावन सुहागन/ ब्रजेन्द्र कुमार सिन्हा

adminOct 4, 20241 min read

सावन सुहागननिरखे अंचरवा,चल भइली विरहिन – भेष ?मास भदउआना लागे भयावनविरहिन उठे ना कलेश.धानी रे चदरियारंग दुपहरियाधरी ले ली जोगिनी के भेष.सुपुली के सोनवाभइले सपनवाचल पिया बसे परदेस.हरी-हरी चुड़ियाहरी रे चुनरियामिली नाहीं अब एही देश.

जुग पुरुष कहावऽ / वेद प्रकाश व्दिवेदी

जुग पुरुष कहावऽ / वेद प्रकाश व्दिवेदी

adminOct 4, 20241 min read

हो भाई सुनऽ, अपने मत धुनऽ;दोसरो के बतिया के मनवा में गुनऽ । सही बात सोचऽ, मुँहवा मत नोचऽ;बात मत बनावऽ, काम करऽ आवऽ । काम बहुत ढेर बा, हो गइल देर बा;हठ मत ठानऽ, बात असल जानऽ 1 बाबू…