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पानी-पानी हो गइल बा/ भावेश अंजन

पानी-पानी हो गइल बा/ भावेश अंजन

adminSep 27, 20241 min read

जवन पानी से पानी-पानी हो गइल बा बहुत बरिस पर आइल पानीबहत बा बहे दींहर-हर के आवाज लगावतगंगा-गंगा कहे दीं मन मसोस, मोबाइल रोवतबार-बार ऊ चार्जर बा टोवतकोठी वाला सेल्फी खिंचतमड़ई के भी रहे दीं आसमान के रहे निहारतसुखत देखि…

पानी में मीन पियासी/ डॉ॰ (प्रो) अरुण मोहन ‘भारवि’

पानी में मीन पियासी/ डॉ॰ (प्रो) अरुण मोहन ‘भारवि’

adminOct 4, 20241 min read

पानी में मीन पियासी,मोहि सुन-सुन आवत हाँसी आतम ज्ञान बिना नर भटके,कोई मथुरा कोई काशी।जैसे मृगा नाभि कस्तूरी,बन-बन फिरत उदासी ।। 1।। जल बिच कमल, कमल बिच कलियाँतापर भँवर निवासी।सो मन बस त्रैलोक भयो है,यती सती संन्यासी । । 2।।…

पाती / गुरुविन्दर सिंह

पाती / गुरुविन्दर सिंह

adminSep 26, 20241 min read

मिलल की जइसे भूलल थातीलिखल तहार मिलल जब पाती। रोजे रात निहारत रहनीहीते-नाते सबसे कहनीबहल लोर मोर साँझ-पराती। मन में, बहुते बिसवास रहलहियरा लुतियन के वास रहलबरली ओह से दियना-बाती। मिले साँझ रोजे दिन-रैनाबिन मांझी मोरा नइया सूनाखेले खेल समय…

पहचान / जलज कुमार अनुपम

पहचान / जलज कुमार अनुपम

हाथ में लाठी कान्हे गमछालमहर बाटे जेकर सानजग-जहान में बाजे डंकाजान रहल बा हिन्दुस्तानहमनी हईं उहे पुरुबियाभोजपुरी आपन पहचानगोरखनाथ, कबीर, कुवर सिंहराजेन्दर, जेपी के गानआन पर आवे सीना तान ेमंगल पांडे के स्वाभिमानहमनी हईं उहे पुरुबियाभोजपुरी आपन पहचान बिरहा कजरी…

पद / गोरखनाथ

पद / गोरखनाथ

गोरखनाथSep 20, 20242 min read

रहता हमारै गुरु बोलेये, हम रहता का चेला ।मन मानै तौ संगि फिरै, निंहतर फिरै अकेला ।।अवधू ऐसा ग्यांन बिचारी तामैं झिलिमिलि जोति उजाली ।जहाँ जोग तहाँ रोग न व्यापै, ऐसा परषि गुर करनां ।तन मन सूं जे परचा नांही,…

पथल के भगवान/ सुरेन्द्र प्रसाद गिरि

पथल के भगवान/ सुरेन्द्र प्रसाद गिरि

adminOct 1, 20241 min read

पथल के हो भगवान !हो तोरे जगवा में दहकल बा आग —— ।। टेक ॥।घुट-घुट जीअत इंसानहो तोरे जगवा में दहकल बा आग –दानी हरिचनदर के सड़क पर बिकवलsतारामती रनिया के चेरिया बनवलsबिपते में रोहित के डंसलख नागपथल के हो…

पतझड़ के महीनवाँ आईल सखी रेखिलल चमेलिया मुरझाइल सखी…

पतझड़ के महीनवाँ आईल सखी रेखिलल चमेलिया मुरझाइल सखी…

adminOct 1, 20241 min read

बड़ा जतन करि खोंतवा बनवनीं,उ खोंतवा में नेहिया बसवनी !बाट जोहत अँखिया पथराइल सखी रे,खिलल…… केतना नजरिया से बाँचल जवानी,टप-टप चुये जइसे चुये ओरियानी !रतिया के अँखिया लोराइल सखी रे !खिलल….. कइसे समुझाईं कइसें लीहीं थाती,बीत गइल रोअते चार दियरी-बाती…

पटरी ना खाई – जितराम पाठक

पटरी ना खाई – जितराम पाठक

जितराम पाठकSep 26, 20241 min read

अरुआइल बा बात तहार, हटाव फरका,ले अइब एने अब त पटरी ना खाई। चूरी-टिकुली के हम सुनलीं गीत अनेकनपाकि गइल बा कान,कपार बथत बा फरके,लागल हरकेतू बाड़ अइसन उजिआवनदुपहरिया में गीत भोर के गावत बाड़लागल बाटे आगि, बइठि पगुरावत बाड़मारि…

कविता - भोजपुरी मंथन - Page 18