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सेनुर दूध लड़े अपने में/ तारकेश्वर मिश्र ‘राही’

सेनुर दूध लड़े अपने में/ तारकेश्वर मिश्र ‘राही’

adminSep 26, 20241 min read

सीता उहाँ गुरुदेव से पूछति,कइसन वीर महीपत बानेकाहे बदे वन युद्ध छिड़ा,जवना में मोरा ललना रत बानेआवत ना हिय चैन मोरा,दिन-राति वियोग में बीतत बानेलोग बतावेला रोज इहाँ,वनदेवी लला तोर जीतत बाने लाजि न बा तनिको उनका,जे कि सेना लिये…

सूखा/ राम जियावन दास ‘बावला’

सूखा/ राम जियावन दास ‘बावला’

adminSep 27, 20241 min read

कइसन बा राउर विधान हो विधाताधक्-धक् करेला परानपनियां सपनवा मोहाल बा पतउवादागि-दागि पेट रही जाले बचउवाछुप गईले केतनन क चान हो विधाता, धक्-धक् करेला परान। डकरेले गोरुवा बताव कहाँ जाईजरत सरेहिया तिरीं कहाँ जाईहोई जाई देसवा मसान हो विधाता, धक्-धक्…

सुनीं कन्हाई / जलज कुमार अनुपम

सुनीं कन्हाई / जलज कुमार अनुपम

हे स्वामीकरुना के सागर!भरल रहे हियरा में हरदमभक्ती के, बिसवास के गागर ! बदल गइल परिभासा बहुतेनेह-त्याग केगीत-राग केमतलब के दलदल में सगरोसगरी दुनिया धँसले लउकेआदमियत बा सुसुके लागलबुतल जात बा दियरी, देखींसत् अंजोर के,परोपकार केसत्य-ज्ञान केस्वाभिमान के !भइल जात बा लोग…

सास पतोहि के झगड़ा/ दीपक तिवारी

सास पतोहि के झगड़ा/ दीपक तिवारी

adminSep 24, 20241 min read

सास पतोहि के घर के झगड़ा कबो ना ओराई,भूल के केहू कबो केहु के ना करिलो बड़ाई। घर घर के विथा कहानी बहुते दुःख दाई बा,केकरा के समझावल जा चुप रहला में भलाई बा। बात बात में एक दिना सास दिहली…

सावन सूतल भागल भादो / कमला प्रसाद मिश्र ‘विप्र’

सावन सूतल भागल भादो / कमला प्रसाद मिश्र ‘विप्र’

सावन सूतल भागल भादोशरद शुभ आइल हे!बुलुकि-बुलुकि रोइ के बदरा चुपाइल,नदी-ताल-तलइयन के ओठा झुराइल।झँखत झिंगुरवा कोना अँतरा लुकाइल,कास बुढ़ाइल हे, घरद शुभ आइल हे!उगल अगस्त आ आकाश अगराइल,उतरलि खँड़लिच, मोरवा लुकाइल।चिहुकि चकइया चितवे, चकवा चिहाइल,चान मुसकाइल हे, शरद शुभ आइल…

सावन सुहागन/ ब्रजेन्द्र कुमार सिन्हा

सावन सुहागन/ ब्रजेन्द्र कुमार सिन्हा

adminOct 4, 20241 min read

सावन सुहागननिरखे अंचरवा,चल भइली विरहिन – भेष ?मास भदउआना लागे भयावनविरहिन उठे ना कलेश.धानी रे चदरियारंग दुपहरियाधरी ले ली जोगिनी के भेष.सुपुली के सोनवाभइले सपनवाचल पिया बसे परदेस.हरी-हरी चुड़ियाहरी रे चुनरियामिली नाहीं अब एही देश. adminbhojpurimanthan.com/

सावन – गुलरेज शहजाद

सावन – गुलरेज शहजाद

adminSep 26, 20241 min read

“बदरी के बदरा पिठियवलस”श्याम रंग में मौसम गावेआसमान के खोंखी उखड़ललागल बरसे झमझम बूनीलागे जइसे छमछम करतगोरिया अइलीजंगला धइले देखs तानींआई हो दादाआहा हा हा …. पड़ल जे छिंटका बूनी केमुंह पर लागलअमरित गिरलपपनी पर पपनी सटियाइलसिहक गइल देहिया,भितरीगुद्गुद्दी उपिटल…

सामयिक रचना/ यमुना तिवारी ‘व्यथित’

सामयिक रचना/ यमुना तिवारी ‘व्यथित’

adminOct 4, 20241 min read

संसद पर कइलसजवन आतंकी चढ़ाई,ओकरो के देशवा मेंफाँसी ना दिआई ।सुरसा के मुँह असबढ़ता महंगाई,नंगा निचोड़ी काका ऊ नहाई ?सामाजिक समरसता केदेके दुहाई,आरक्षन के नाम परहोत बा लड़ाई ।पेट्रोल डीजल महंगा भइलेमहंगा भइल ढोआई,सब्जी-भाव आकास छूएका कोई खाई ? adminbhojpurimanthan.com/

कविता - भोजपुरी मंथन - Page 3