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गहना के रूप से सोनार के ना मोह बा…

गहना के रूप से सोनार के ना मोह बा…

adminSep 18, 20241 min read

1गहना के रूप से सोनार के ना मोह बाआगी पर ओके गला देलाआ खाँटी सोना के निकालि लेलानया गहना ओकरा से गढ़ि लेलाकेहू के रूप से प्रभु के ना मोह लागेआत्मा के लेके ऊ रहि जालेंफेरू नया रूप दे देले।…

किसनवा – गणेश नाथ तिवारी ‘विनायक’

किसनवा – गणेश नाथ तिवारी ‘विनायक’

adminSep 26, 20241 min read

उठऽ उठऽ मोर किसनवा विहान हो गइलचारुओर चिडियन के चिहचीहान हो गइल। उठ धरती मइया के चरण दबावदुअरा पर गइया के लेहना लगावदुधवा पी के बबुआ जवान हो गइलउठऽ उठऽ मोर किसनवा विहान हो गइल। सांझे सवेरे रोज करेलऽ खेतीबारीतबे…

कहीं चहकेले चिरई…! / पाण्डेय कपिल

कहीं चहकेले चिरई…! / पाण्डेय कपिल

कहीं चहकेले चिरईकहीं ढोल बाजेला!ना घरे में लागेला मनना बने में लागेला!जे खुदे नाद से जनमल बाओह ब्रह्माण्ड मेंकहाँ मिल पाई हमरासुनसान ठवरजहाँ हम उदासी के केंचुलचढ़ा-चढ़ा केउपजा सकींतलफत जहर!सोच-सोचअपने पर हँसी आवेलाना घरे में लागेला मनना बने में लागेला!इरखा…

कहs गाँव कs घर कs केशव/ अक्षय कुमार पाण्डेय

कहs गाँव कs घर कs केशव/ अक्षय कुमार पाण्डेय

adminSep 26, 20241 min read

बहुत भइल बेपर कs केशव, कहs गाँव कs घर कs केशव! ईंटा कs जंगल में हम तs शहर जी रहल बानीं, कंकड़-पत्थर नाता-रिश्ता आपन इहे कहानी,बाग बगइचा ताल नहर कsकहs खेत पोखर कs केशव! सँइचल आग गँवा के आपन सपना जोड़त बानीं,…

कथनी पर करनी फेरात नइखे / धरीक्षण मिश्र

कथनी पर करनी फेरात नइखे / धरीक्षण मिश्र

धरीक्षण मिश्र का यह गीत अधूरा है, आपके पास हो तो इसे पूरा कर दें कथनी पर करनी फेरात नइखे,दिमाग गरम रह ता कबो सेरात नइखे,हर के दुगो बैल कइसे मान होइहें सनजब एगो बुढ़ गाई घेरात नइखे । धरीक्षण…

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कइके जतन दबा देहीं / आनन्द सन्धिदूत

हरफे-हरफे काजर-टीका अंग-अंग नोक्ता देहीं।हमरो एगो शे’र समय का पहिया पर लिखवा देहीं। हम का लिखीं बसीयत हमरा आव-जाव हइये नाबा खाली बदनामी ओके गंगा में सेरवा देहीं। चाहीं इहे पसर भर भोजन, सूतत बेर पहर भर ठौरएतनो नाहीं मिली…

इकिसवी सदी में चलल गांव देखीं / प्रमोद कुमार…

इकिसवी सदी में चलल गांव देखीं / प्रमोद कुमार…

इकिसवी सदी में चलल गांव देखींगरीबी लाचारी से भरल गांव देखीं उजड़ल सपनवा के गठरी मिलल हसुराज जोहत एगो ठठरी मिलल हस्कूली के नांव प बस पटरी मिलल हटुकी-टुकी हो के पड़ल गांव देखीं…इकिसवी सदी में चलल गांव देखीं हीरो…

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आवे बसन्त दुअरिया / आनन्द सन्धिदूत

आवे बसन्त दुअरियामगन मन नाचले गोरिया।मधुरे पवन रस बेनियाँ डोलावेनदिया लहरि दरपनवाँ देखावेधरती पेन्हावेले चुनरियामगन मन नाचेले गोरियानन्ही मुटी चिरई बजावेले पिपिहरीकेहू पीटे थारी लोटा केहू पीटे थपरीपिपरा बजावेला खजरियामगन मन नाचले गोरियाधनि तोरी नगरी के धनि तोरी बखरीज्हवाँ पिरितिया…

गीत - भोजपुरी मंथन - Page 7