आँख अब रउरा लगा के का करब ?आन का घर जो हमेसे बा परब !धुंध से भर जाय जो आपन गलीरोशनी के जोर के कइसे छलीहोड़ में जी, जान देके का बरब ?रेत में कबहूँ चली ना ई तरीऊँट से परतर बड़ा भारी…
आईं हम रउरा मिलि गाईं।भरीं विश्व में शुचि कल्याण,करीं राग के नव निर्माण,पुलकि उठी जगती के प्राण,जग में अमृत धार बहाईं।इच्छा राउर मन हमार हो,भरल हृदय में स्नेह-धार हो,वसुधा सुभामयी सुढार हो,मोह-मूल-दुख-द्वैत मिटाईं।हम बाँसी राउर स्वर गूँजे,जनम-जनम के आसा पूजे,जन-मानस-मराल…
सुनि पवलीं हाँ अबहीं कहवाँ, अबहीं त बहुत कहे के बा।गूँजत आइल बा राग जवनमानीं, ह साँच बिहाग तवनसुर सूतल जहाँ भैरवी केउचरी तहवाँ अब काग कवन ?खरकल ना एको पीपर पात, पवन उनचास बहे के बा।रगवा पग के कठुआइल बाठगवा…
सुनि पवलीं हाँ अबहीं कहवाँ, अबहीं त बहुत कहे के बा।गूँजत आइल बा राग जवनमानीं, ह साँच बिहाग तवनसुर सूतल जहाँ भैरवी केउचरी तहवाँ अब काग कवन ?खरकल ना एको पीपर पात, पवन उनचास बहे के बा।रगवा पग के कठुआइल बाठगवा…
अपना आगे सभे लगावे अन्हका के बैमान॥अपना जाने सभे दूध के धोवल वा पुरधान॥जेही के देखी से बस, अन्हके के गरियाबत बा।अन्हके गलती लउकत बाट भाषाण उडि़यावत बा॥तब के लेता घूस, देत बा के सै सै के नोट ?दूनो धर्मराज में…
जतने बड़ा मकान बनत बा जतने चेत भइल जाता।ततने अदिमी के भीतर के, जगह सकेत भइल जाता।बढ़ा बढ़ा के विद्यालयमिहनत सउसे बरबाद भईलफूल फुलाईल ना, बगियाई कांटे से आवाद भइलकागज, कलम, सियाही पोथीबेरथ कूल्ही खाद भइलबहरे लोहा के बनूक नाभितरे…
अइली भदउवा केरी राति, सघन घन घेरि रहे।बाबू चढ़लीं रयनि अधिराति, फिरंगी दल काँपि रहे।।नभवा से गिरे झरि-झरि धार, तुपक रन गोली झरे।बाबू के घोड़ा करै कटि, कटक गोरा काटि रहे।। टपाटप बाजे ओके टाप, छपाछप मूड़ी गिरे।तब घेरले फिरंगिया…