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होति बा लड़ाई घनघोर जे फराँस बीच / दूधनाथ…

होति बा लड़ाई घनघोर जे फराँस बीच / दूधनाथ…

होति बा लड़ाई घनघोर जे फराँस बीच,तवने के चारु ओर चरचा सुनात बा। चमचम तलवारि चमकति बाटे,धमधम गोला तोप घहरात बा। बीर हरषत बाड़े, रन में लड़त बाड़े,कायर डरत बाड़े, मन घबरात बा। ‘दूधनाथ’ बीरन्हि के भुजा फरकति बाड़े,लड़े के…

हवा में गजब के सरूर बाटे / जगन्नाथ

हवा में गजब के सरूर बाटे / जगन्नाथ

जगन्नाथSep 21, 20241 min read

हवा में गजब के सरूर बाटे,बात कुछ खास त जरूर बाटे। लोर सब गिर रहल बाटे भुँइयाँ,उनका रोवे के ना सहूर बाटे। हमरा पासे दरद के थाती बा,रउवा का बात के गरूर बाटे। दुलार देके दुरदुरा दीला,नीक अपने के ई…

हमहूँ कहीं तूहूँ कह s / गुलरेज़ शहज़ाद

हमहूँ कहीं तूहूँ कह s / गुलरेज़ शहज़ाद

हमहूँ कहीं तूहूँ कह sहमहूँ बहीं तूहूँ बह s दुखवा सबके एके बाटेहमहूँ सहीं तूहूँ सह s सबके सपना बाँचल रहेहमहूँ रहीं तूहूँ रह s भइयारी के हाथ ना छूटेहमहूँ गहीं तूहूँ गह s मन से माहुरबह के निकलेहमहूँ महीं…

सब फूल काहे गाँव के अतिना उदास बा /…

सब फूल काहे गाँव के अतिना उदास बा /…

कुमार विरलSep 19, 20241 min read

सब फूल काहे गाँव के अतिना उदास बा,अब चढ़ सकी न माथ पर कहवाँ सँवास बा।बस लुस-फुसा के ओठ असहीं काँपते रही,अब के बूझो जे गीत में कतिना मिठास बा।कइसे कहीं कि गाछ ई पुरान हो गइल,पुरवा से जाके पूछ…

रूपवा सुघर सलोना बाटे छटा निराली/ देवकांत पांडेय

रूपवा सुघर सलोना बाटे छटा निराली/ देवकांत पांडेय

adminOct 7, 20241 min read

रूपवा सुघर सलोना बाटे छटा निरालीशक्‍ती जहां के देलीं मइया पहाड़ वालीधरती ई पुण्य-पावन आईं कइल जा वंदनमिलि के मनावल जाला जहॉं ईद आ दीवाली । भाषा जहां बा कइ गो, आ हिंदी बा सबके रानीपैदा जहॉं पे होलें विद्वान,…

रउरा गाँवे जब ले सावन आइल बा / आसिफ…

रउरा गाँवे जब ले सावन आइल बा / आसिफ…

रउरा गाँवे जब ले सावन आइल बाहमरा गाँवे तलई- ताल सुखाइल बा पटना-दिल्ली बइठल रउरा का जानब –तरवा जेठे कतना ई भउराइल बा लेके हम आपन गगरी कहवाँ जाईंहमरा खातिर घाट सभे कउराइल बा जेतने पेवन सटलीं, ओतने छितराइलजिनगी के…

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रउरा आँखिन से झर गइल पानी / जगन्नाथ

जगन्नाथSep 21, 20241 min read

रउरा आँखिन से झर गइल पानीहमरा आँखिन में भर गइल पानी हमरा रोवला के अर्थ लागल हऽहमरा आँखिन के गिर गइल पानी खुद के ऐनक में देख के लागलजइसे घइलन बा पर गइल पानी जिन्दगी का निसा चढ़ल बाटेउम्र के…

भोरे भोरे सूरज आके जब मुस्काये लागल / गणेश…

भोरे भोरे सूरज आके जब मुस्काये लागल / गणेश…

भोरे भोरे सूरज आके जब मुस्काये लागल,धीरे-धीरे हमरा मन के कमल फुलाए लागल।कतना दिन पर उनुका के भर नजर निहारत बानी,का जाने काहे दो देखत नैन जुड़ाए लागल।रसिया भौंरा उतरी कइसे मन का गहराई में,कउड़ी का कीमत पर सगरे रूप…

अनिल ओझा 'नीरद' - भोजपुरी मंथन