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बताई के/ आर. डी. एन. श्रीवास्तव

बताई के/ आर. डी. एन. श्रीवास्तव

adminSep 26, 20241 min read

काने में ढोल बजाई केसभकर नाव बताई के॥ तस से भाईचारा क लींत हमके गरिआई के॥ नेतवे जब खइहें दुबरा संगकाटी दूध मलाई के॥ जे के देख ऊ काकी हगांव में अब भउजाई के॥ खेते में जब भूखिए ऊगीमेंड के…

बड़ा नीक लागै – जगदीश पंथी

बड़ा नीक लागै – जगदीश पंथी

adminSep 26, 20241 min read

रुनुक-झुनुक बाजै पायल तोर पँउआ, बड़ा नीक लागै –ननद तोर गँउआ, बड़ा नीक लागै देवरा निहारै पीपर झरै पातीहमरी उमिरिया फरै दिन-रातीगरवा में नेहिया के लागत गरँउआ, बड़ा नीक लागै –ननद तोर गँउआ, बड़ा नीक लागै कोंइया खिलै मोरे मन…

बड़का – बड़का / वेद प्रकाश व्दिवेदी

बड़का – बड़का / वेद प्रकाश व्दिवेदी

adminOct 4, 20241 min read

ई ह पटना, बड़का शहर,इहवाँ सभ कुछ बड़का बाटे;हरदम लागे इहाँ झमेलाइहवाँ बहुते चरखा बाटे। बड़का इहवाँ लोगवा बाटे,बड़का सभके सोच-विचार :रोक-टोक ना बाटे कवनो-ना बाटे आचार-विचार । केहू ना केहू के चिन्हे,खोज रहल बा सभे शिकार,हाकिम, नेता सभ ऊहे…

बजट बा / चंद्रभूषण पाण्डेय

बजट बा / चंद्रभूषण पाण्डेय

बजट बागजट बाअब काझंझट बालटपट बाअटपट बाअपने मेंखटपट बारपट बालपट बाऊंट कवनाकरवट बामरकट बागरगट बाबस नजरिएचोरकट बाचटचट बागटगट बादेस बढ़लझटपट बाटकटक बाठकठक बाअब त जयजयहरघट बाजमघट बाघटघट बाघोंटी अब मड़सटकोसटपट बा चंद्रभूषण पाण्डेय

बचपन के खेलवा – मुकुन्द मणि मिश्रा

बचपन के खेलवा – मुकुन्द मणि मिश्रा

adminSep 27, 20241 min read

बचपन के खेलवा छिनाय गइल मीतवा।माटी के गीतवा भुलाय गइल मीतवा।। ओका- बोका तीन तड़ोकालौआ लाठी चंदन काठीहाकी टाकी टेनिस-बैटआइल किरकिटवा ।।बचपन………।। मामा हो मामा चिउंटी के झगड़ा छोड़इह हो मामा।चिउंटी में झगड़ा ना होला हो मामानेतवन के झगड़ा छोड़इह…

फेर काँहे सुनेनी हम तोहार बतिया/ राजीव उपाध्याय

फेर काँहे सुनेनी हम तोहार बतिया/ राजीव उपाध्याय

adminSep 27, 20241 min read

उठि सूती पूछे मन, एगो हमसे बतियाकाहे खाती दिन बावे, काँहे खाती रतिया॥ रोज भिंसहरे काँहे, किरिन सूरुजवाअउरी अन्हियारा, काँहे रोजे-रोजे रतिया॥ काँहे लोग मिलेला, अउरी जाला कहवाँफेर गीतिया सुनावेला, हमके दिन-रतिया॥ इहे साँच बावे कि, हम नाही केहू हवींफेर…

फूंकके चलsडगरिया – मृत्युंजय अश्रुज

फूंकके चलsडगरिया – मृत्युंजय अश्रुज

adminSep 27, 20241 min read

बबुनी चलs तूं मत बलखाकेगिरीहें चांद सूरज मुरछाकेकरs जवानन पर रहममत लs बुढवन के धरमई खिलत जोबना देखलाकेबबुनी चलs……. सुन्दरता के तूं दरिया बाडूयौवन से लहकत सरिया बाडूई उमर बडा नाजुक होलासंभल संभल के चले होलाशिकारी बैठल घात लगाकेबबुनी चलs………

फुलवा महँकि भरमावेले/ डॉ॰ राम सेवक ‘विकल’

फुलवा महँकि भरमावेले/ डॉ॰ राम सेवक ‘विकल’

adminOct 1, 20241 min read

के हरि हउवें फुल बगिया के माली होके हरि फूल बिहँसावेलें हो ? के हरि तितली के भेजि भेजि कलियन पररसगर नेहिया लगावेलें हो ? के हरि बिहँसेले राति के अँजोरिया मेंके हरि सुरुज उगावेलें हो ? केकरी करनवाँ ई…

कविता - भोजपुरी मंथन - Page 16