सहमे महावरि निरेखि तोरे पउँ वाँननदी रमल जाता मनवा ए गउँवाँ । सोचत रहली ससुरा में रहिए ना जाईकइसे भुलइहे हमसे बाप माई-भाईअब त भुलाइ गइल नइहर के नउँवा । भइया तोहार बसि गइले नयनवाहवे भगवान उनकर धरीले धियानवाहमके प्रयाग…
जब जब डूबेला नदी के किनारापानी बहेला कि जइसे आवारा खोजले मिलेला ना जिनगी भुलाइलहरियर ना होखेला, फुलुंगी सुखाइलगरदिस में लौके ना जइसे सितारा जागेला लहरन के मन में पिरितियाज्ञानी परासर भी भूल जाला रितियापागल बना देला जइसे इशारा लागेला…
बदलल जमानाबदलल ओझा-सोखा।मुँह में बाड़े रामबगल से मिले धोखा।। असरा के बदरा उड़ल बन के भुआपता लागल तब कि जिनगिया ह धुँआधधाले धीअरी तऽमन करे रोका।मुँह में बाड़े रामबगल से मिले धोखा।। लइकन के मीत-गीत सगरो भुलाइलनुन तेल लकड़ी के…
बहै फगुनहट उडै धुरंधरसोन किरवा अस मुड़ै धुरंधर। गांव गली बारी बॅसवारीडहरी डारी खेत कियारीनहर क पुलिया ताल किनारेडीह क चउरा नदिया नारेमन्दिर कबौ मदरसा झाकैउचक उचक पोखरा पर ताकैछिन महुआ छिन छिन गुलमोहरआज त ओकर दर्शन नोहरबस मे देह…
बा धुआँ से भरल आसमान ।साँस बा टँगाइल, परान बे परान! खोजत बसेर बिया, छोटकी चिरइया,फेड़ रूख लउके ना, धरती प’ भइया,जाई कहवाँ कि पाई धरान! संतति के चाल देखि, काँपि गइलि धरती,हरियर, हरियर रहे, होइ गइलि परती,दुनिया लागेला जइसे…
सिख मुसलमान जहाँ, इसाई हिन्दूवान जहाँ,रहत भी समान जहाँ, उहे बिहार ह5 | आदिवासी थारु जहाँ, उराँव संथारू जहाँ,चेरो खरवारू जहाँ, उहे बिहार हऽ । धार्मिक त्योहार जहाँ, उत्सव लोकाचार जहाँ,सौहार्द्र-व्यवहार जहाँ, उहे बिहार हऽ आपसी सद्भाव जहाँ, हेल-मेल भाव…
बड़ कहे कनिया आ हम कहीं धनियातनी धीरज धर ना, बहुरी हमनी के दिनवाँ तनी…। नाही माँग झूलनी, ना माँग तूहूँ कंगनामिली जूली रहे सभे आज एक अँगनादूरी ये बचाई जान भागी ई कोरोनाजरूरी बा मारक के चलनव, तनी धीरज…
खेतवा की आरी आरी,सुनरी सुग्घरी नारी,पीयरि पहिरी सारी,छमके छमकि छमक।हँसुआ से काटि धान,गावेली मधुर गान,कर के कंगन दूनो,खनके खनकि खनक।। लामे लामे पारि धरे लामे पलिहारि धरे,गुर्ही करे बोझा बान्हे,धनिया चमकि चमक।पुरुआ बयार बहे,रूपगर नार लागे,गते से गुजर जाये,रहिया छनकि छनक।। पिया खरिहानी करी,आँटी…