बितल बरसतिया सरद सुभ आइल।डमकि-डमकि रोइ बदरा चुपाइलकदम का डाढ़ि फुलगेनवा गंथाइलपाकल केस, कास-कुसवा बुढ़ाइल।बितल बरसतिया सरद सुभ आइल।।उपरा अगस्त उगल जल फरिआइलहेठवाँ के घाम देखि पाँक सकुचाइलउतरि गइल खंड़लीच झिंगुर चुपाइल।बितल बरसतिया सरद सुभ आइल।।राह आ घाट छेंकल छोड़लस…
शब्द के चलऽ कथा सुने आ बुझल जव केतन बा बलशब्दे जिनगी के माने हऽ, शब्दे ह जिनगी कऽ ज्ञानशब्दे से ह आत्मा, शब्दे ह परमधामशब्दे से बुझगर बुझाल, शब्द से बुझाए अनुशासनशब्द से मानुस के आचरण बुझाला, शब्दे से…
मानव जीवनस्वस्थ सुन्दर तनप्रभु के वरदानअनघा अवदाननाथ! बन्दन बार बारकरी स्वीकारभगवन!शत-शत नमन !!का चाहीं अबसोना न चानीना अउर धनचाहीं त बस,निर्मल मन !होखे-प्रीति रीतिरचना कलासम भावनम्र बेवहारसुविचारप्रभु ! बन्दन बार बारकरी स्वीकारभगवन!शत-शत नमन !! adminbhojpurimanthan.com/
सबसे उपजाऊँसबसे सयगरटोला के उत्तरगंडक के कछार मेंदूर-दूर ले विस्तारित बावृत्त वाला खेत केचैकसलहलहात स्वरुप।सभे मन से जुट जालाएके जोते, कोड़े, बोये मेंएकर विस्तारकबो मनई विहीन ना रहेलाकेहू ना केहूकवनो ना कवनोडँड़ार के बीचेलउकीए जालाकुछु सोहतकुछु बोअतअसरा के चादर ओढलेउम्मीद…
विपदा से हमरा केहरदम बचाव ऽ हरिई ना बाटे मिनती हमारजब जहाँ विपदा सेसामना जे होखे प्रभुहम नाही होईं भयभीतनिडर बनाव हरि हमरा के अतना किगाई हम विपदो में गीतदुखित व्यथित मन केधीरज धरावे खातिरचाही नाहीं संत्वना के भीखदुःख पर…
देश बा पहुंच गइल विनाश के कगार पर,विवेक बा मरा गइल संहार के दुआर पर,खोदके, खरोंचके, काल के जगा रहलफण उठाके बिख-नाग देश के नचा रहल,काल के मुहांन पर मदांध आँख बन्द आजयुग – विकास रुक चलल बिहान के दुआर…
आँख से दूर भले तू हमरा दिल से कहाँ जइबूहर सांस में अपना मोहे दिल के अंदर पईबूजइसे गलेला मोम हो अन्हरिया के बिदाई मेंवइसे लोर के मोती गिरेला तहरा जुदाई मेंतू मोर आंगन से दूर पर मन के दिवार में रहबूबन…
बहेला नयनवाँ से लोर, दरद उठे मोर,कि पिया मोरे आ जा ना ।मँह मँह मँहकेला बाग-बगइचा,भँवरा करेला गुंजार,भँवरा भँवरिया की मस्ती में मातल,लूटे तितिलिया बहार ।आइल जिनगिया में भोर, जवनियाँ में जोर,कि पिया मोरे आ जा ना ।चारू ओर छाइल…