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मुकरनी/ दिनेश पाण्डेय

मुकरनी/ दिनेश पाण्डेय

adminSep 24, 20241 min read

परले गोड़ हजार बे, पूरल जिय अरमान।थरिया पलटसि पाइ के, सखि पिय ना जनमान। बात करेजा के छुवल, दुनिया लागे बाध।हित-मित मुदई करि गइल, पियवा ना सखि साध। अपने चाभस सात रस, हम धाँसीं मँड़गील।कहईं के ना छोड़ले, सखि पिय ना ओकील। adminbhojpurimanthan.com/

मिठ्ठा/ उदय शंकर प्रसाद

मिठ्ठा/ उदय शंकर प्रसाद

adminSep 30, 20241 min read

मिठ्ठा के गोली, भेल्ली कहालाकई गो दवाई में, काम आ जालागन्ना के रस पाक के भेलली हो जालाचना के साथ सबेरे खोजाला गोर होय या करिया सस्ता बिकालाचिउड़ा फूला के ओमे मिसालामरचा आ नुन संगे धरालासट-सट सबके खुबे घोटाला भुजा…

माफीनामा/ नीरज सिंह

माफीनामा/ नीरज सिंह

adminOct 7, 20242 min read

बहुत दिन के बाद अइला पकतना बुझल बूझल लागत बाकहिए से बंदहमार गांव वाला घर ! लागऽता जइसेकवनो बच्चा होखेअपना माई से रूसलभा जइसे माइए होखसदेर से घरे आइल अपना बेटा सेखिसिआइल । घर के बाहर के दिवारन पपसरल लतर…

माटी के अँजोर / जितराम पाठक

माटी के अँजोर / जितराम पाठक

जितराम पाठकApr 3, 20251 min read

सूप भरि रूप केसनूख भरि सोहुआ मेंसानल सनेहिया सलोरआन अवरू अपना केनेह-नाता गरगटलहना के बाटुरे बटोर।सोनवा के जाल मेंघेराइल सारी दुनियायोग के वियोग में पेराइल सारी दुनियाकिरन के बानकेहू मारेला अनेरियामाटी के सुवास छिलरावेला अहेरियादेहिया के नाता नधले बाझकझोरियाअन्हरा के…

माटी क बरतन / चंद्रदेव यादव

माटी क बरतन / चंद्रदेव यादव

माटी अद्भुत चीज हएसे बनेला घरएसे बनेला चूल्हाचूल्हा पर पहिलेमटिये के बरतन मेंबनत रहल खाना,माटी क परई, माटी क सकोराआउर मटिये थरिया में खात रहैं लोग lमाटी अनमोल हसरीरो बनल ह मटिये सेओइसे कउनो आकार में होय माटीएक न एक…

माईभाखा – प्रिंस रितुराज दुबे

माईभाखा – प्रिंस रितुराज दुबे

adminSep 27, 20241 min read

मातृभाषा कह्तरी आपन बाथा“का कही बाबु इऽ हऽ कलजुग के साम्राज्यआपन आपन नईखे होत दोसर कवन लाल करी सम्मानफरका कऽ दिहले हमके ना करे इज्जत हामारनिक लागल दोसर थरिया, खात नईखे केहू आपना मेंहिंदी हऽ भारत के राजभाषा उहो बनल…

माई तुहीं हउ बल मोर / कन्हैया लाल पण्डित

माई तुहीं हउ बल मोर / कन्हैया लाल पण्डित

माई तुहीं हउ बल मोरतन-मन तुहीं मातु पितु तुहींचरण रज फल मोरमाई तुहीं हउ बल मोरतपबल तुहीं तेज बल तुहींकोटिक सूरज अंजोरमाई तुहीं हउ बल मोरविद्या बल तुहीं बुद्धि बल तुहींमंतर मोर भर-भर अँखियन लोरमाई तुहीं हउ बल मोरकर्म बल…

माई / कनक किशोर 

माई / कनक किशोर 

adminOct 1, 20241 min read

तोहार अँचरा के छंहिया भुलाई कइसे माई | रगे रगे बसेला तोहारे खून देहिया मेंसब सुख पवनी हम तोहरे बहिया मेंरात भर जागि जागि हमके सुतवलू तूहमरो गलतिया के सबसे छुपवलू तूसाँच ह ई बतिया सुन मोर बिपतियातोहार आजो फाटे…

कविता - भोजपुरी मंथन - Page 9