1सजनि कहेले पिया भारी उत्पाती हऊथामऽ तू बनूक, ना उठऽ, मोरा खाटी सेससुई कहेले “बहु” हमके देखादऽ नामुहवाँ झोकार देब, बरते लुकाठी से”बबुआ कहेला “माई हमके बतादे नाफार देव पीठ हम फरगाठी से”कहेला जवान सभे मूँछन पर हाथ फेरि“मारब छितरा…
बाँट-बखरा में सुख-दुख बँटा गइल बा,अपना माटी के खूशबू लुटा गइल बा घुप अन्हरिया के जादू चढ़ल माथ पर,चाँदनी उनका घर में छिंटा गइल बा बिन बदरियों इहाँ पर ना आवेला घाम,के दो सूरुज के चुपके लुका गइल बा मोर…
फेर हवाबाज़ आ गइल बादर ,सिर्फ शहरे प छा गइल बादर। रह गइल चुरुआ लगवले मडई,छत के पानी पिया गइल बादर । भेख बहुरुपिया नियन बदले,खूब बुरबक बना गइल बादर । नाहि बरसे के तनिक बा हबखबखेत लहलस डूबा गइल…
ठकुरसुहाती अबले भइया, हमरा गावे ना आइल ।खुद कबहूँ, हंसनी ना त, दोसरो के हँसावे ना आइल।। सोचते रहि गइनी,जिनिगी के,रस से सराबोर कई दीं ।हो गइनी नीरस काहें, अतनो त बतावे ना आइल ।। कई बेरि सोचनीं, कि चोटी,…
नजरिया के बतिया नजरिया से कहि दना चमके सोनहुला किरनिया से कहि द नयन में सवनवाँ बनल बाटे पाहुनसनेसवा जमुनिया बदरिया से कहि द लिलारे चनरमा के टिकुली बा चमचमलुका जाय कतहूँ अन्हरिया से कहि द न आवेले सब दिन…
देखत मौत के अब लजाइल का बानीजो जाहीं के बा, त तवाइल का बानी करे के रहे जे, ऊ सब हो गइल बाकिनाने चहुँप के छछाइल का बानी बहुत दूर उड़लीं अकासे-पतालेकरीं थिर मन के हहाइल का बानी बहुत दिन…
तोहरा मन पड़ते मनवा मगन हो गइलकारी रतिया सोहागिन नियन हो गइल आरती के बरल दीप लागेलू तूतोहरा देखि के पावन नयन हो गइल बिना मतलब के कतहूँ निहारत रहेरूप में रब निहारत ई मन हो गइल रूप पानी में…
पूछेले पुतरिया पुतरी से अंखिया के रोशनियाँ का भइल ।चनवाँ त उहे चनवाँ बाटे, चनवाँ कऽ चंदनिया का भइल ।हम रोज रटी दादी-दादी, दादी क रोज बखान करीं ।दादी क अँचरवा पूछता, बबुनी क ओढ़नियाँ क भाइल ।।चनवाँ त उहे……..