सादर परनाम ए बिग्यान के चमतकारदुनिया घेराइल कम्प्यूटर इन्टरनेट में। आ सगरो बिकास भाई- चारा के हरास भइलप्रेम सदभाव गइल परसो के डेट में।दुनिया घेराइल कम्प्यूटर इन्टरनेट में॥ काम क्रोध बढ़ गइल, दया छेमा घट गइलभाई मारे लात अपने भयवे…
हमार बा अमावस के रात अइसन जिनगीजेमें हमार प्रान घोंघा अइसन टकटोर-टकटोर के चलेलाआ हमार धृतराष्ट्री कुल-मर्यादा बाँध देबेलामन गांधारी के निमनो आँख पर पट्टीचारो ओर फइल गइल बा कुचकुच अन्हरियाजेमें दुनिया के महाभारत हम देख ना सकींखाली सुनीलेआ अपना…
गलिये – गलिये मईया घूमि घूमि देखेली,केहू नाहीं बईठे के कहे, फुलवन्ती मईयाकेहू नाहीं बइठे के कहे । आपन महलिया से देखलस ‘प्रेमी’ सेवक,चलिं मईया हमरी दुआरी, भवानी मईया,चलिं मईया हमरी दुआरी । बइठे के देहब मईया कुशवा के आसन,निमियाँ…
सुरुज के डुबलेकिरिनिया के सुतले,भउजी न छोडि़हा दुआर होखेते-खलिहाने तू अकेले जिनि जइहाढुकल होइहें हुड़ार हो दाग लगि जाई जे इज्जतिया पर तोहरेझुकी गरदनिया हमार होनीक बाउर, रुख-सूख जउने हम कमाइबओतने में चली घर-बार हो हुड़रा के डरडर ओसे कहीं…
देखऽ अब का होला! जवन कब्बो ना करे केतवनो कइलींजहँवा गइले पाप परेलातहँवो गइलींजनलस अरोस-परोसजानि गयल टोलादेखऽ अब का होला ! कहलीं, त कहलन –ई का कइलऽ?गंगा के घरे जनमलऽगड़ही में नहइलऽ? !का ऊ ना जनतन जे कमल –गड़हिए में होला ?देखऽ अब…
उड़ालs मौज मस्ती दू दिन जिन्दगानी । हँसत खेलत में बाबू बचपन गुजरलऽमाई-बाप के कान्ह पर चढ़ि के नचलऽ । ना कवनो सोच फिकिर ना रहे हरानीउड़ालs मौज मस्ती दू दिन जिन्दगानी ।। जब आइल जवानी गुलछर्रा उड़वलऽबम्बई दिल्ली कलकत्ता…
तहार साथ ए जिनगीहमसे ना होई!अँसुअन में डूब गइल सगरो कहानी।बेमौसम हर गलियन भइनीं बेपानी।।आनी-बानी दुनियाँ भर के सुन-सुन केचन्दन अस माटी में के माहुर बोई।।तहार साथ ए जिनगीहमसे ना होई।।रात-रात भर पपिहा पिहके पिछुआरे।उठ-उठ के झाँक आईं अपने दुआरे।।आँसू…
जिनिगी के दियना उमिरिया के बातीजरे दिन राती, बरे दिन राती।पपनी के कोर भींजे सुधिया के लोर सेसाँझ से उदासी मिले, ओरहन भोर सेडँहकेला रोइयाँ कहिया बरिसी सेवाती। जिनिगी….. धार में समय के डोले डगमग जियराअसरा तँवाय केहू लउके ना…