सावित्री भउजी बड़ी खुश बाड़ी। आखिर खुश काहें ना रहीहन? आजु उनकर छोटकी ननद के बियाह ह। बियाह बनारस के होटल से होता। एहिजा चूल्हा-चउका से छुट्टी त बड़ले बा, कुछउ करहूँ के नइखे। खलिहे सज-सँवर के, गलचउरन क के…
“जय रामजी के भाई,” सामने से आवत बुधन के देख के लोटन प्रनाम कइलें आ पूछलें, “का हाल बा ?” “राम राम भाई। सब रामजी के दया बाटे। तू बताव आपन हालचाल। कइसन बाड़अ?” लोटन प्रनाम के जवाब देत पूछलें।…
अवतार के साँच ‘अवतार’ शब्द के प्राचीन प्रयोग यजुर्वेद में प्राप्त बा- “उप ज्मन्नुप वेतसेऽवतर नदीष्वा। अग्ने पित्तमपामसि मण्डुकि ताभिरागहि सेमं नो यज्ञं पावकवर्णं शिवं कृधि– (यजु० १७.६) ।” [ अग्नि! धरती में से ऊपर आईं, बड़वागि का जवरे नदियन…
देवाली आवते सन ८८ ई.के घटना मन परेला। बी.एस.सी के दुसरका साल रहे ठीक दिवाली का एक दिन पहिले सत्या भाई नित्या भाई बबलू आ ढुनमुन का संगे हमहू पोखरी कीओर चल देहनी। गांव में जवन घरारी बा उ कादू…
हमरा गाँव के दखिन सिवान के महंगू अहीर के डेरा के २० लठ्ठा दूर एगो बाबाजी लोग के गाँव बा महुवारी । ओह गाँव में बड़ा धार्मिक बिचार के लोग रहेला । जीव हत्या के जघन्य पाप समझेला ई गाँव…
अंडा बेचे वाली मनोरमा पहिले अंडा ना बेचत रही. उ एगो घरेलू महिला रही, जे अपना मरद भूलन आ बेटी आरती के साथे खूब बढ़िया से आत्मसम्मान के जिनिगी जीअत रही. बाकिर उनका शांत जीवन मे कोल माफिया कल्लुआ कवनों…
जीवन के बडकी भउजाइ जवन बिआह का दूसरके साल मुसमात हो गइल रही बहुत दिन से उनका के बोलावत रही। जीवनो बहुत दिन से सोचत रहस भउजाइ से भेंट करेला। लेकिन संजोग ना बनत रहे। बिधवा बिआह के तमाम बिरोधो…
इ सन् 1960 के बात ह। तब हम बनारस पढत रहलीं। वो दिन हम अपने कमरा मे पढले मे तल्लीन रहलीं कि तबले हमके बुझाइल कि केहू हमरे लगे आके ठाढ हो गइल बा। हम आपन आंख फेरलीं त का…