सावित्री भउजी बड़ी खुश बाड़ी। आखिर खुश काहें ना रहीहन? आजु उनकर छोटकी ननद के बियाह ह। बियाह बनारस के होटल से होता। एहिजा चूल्हा-चउका से छुट्टी त बड़ले बा, कुछउ करहूँ के नइखे। खलिहे सज-सँवर के, गलचउरन क के…
“जय रामजी के भाई,” सामने से आवत बुधन के देख के लोटन प्रनाम कइलें आ पूछलें, “का हाल बा ?” “राम राम भाई। सब रामजी के दया बाटे। तू बताव आपन हालचाल। कइसन बाड़अ?” लोटन प्रनाम के जवाब देत पूछलें।…
झूठ आँखि के सोझ जे, साँचा जवन अदीख।अखनी के रजनीति में, दरसन के ई सीख। वादा कइके छाड़ि दऽ, मान न नीति अनीति।ना बैरी हित केहुओ, एखनि के रजनीति। धोती खोलऽ तू हमर, अवरी हमूँ तहार।एही गोटी दुइजना, खेलीं जुगवासार। ठगवा के चेला…
परले गोड़ हजार बे, पूरल जिय अरमान।थरिया पलटसि पाइ के, सखि पिय ना जनमान। बात करेजा के छुवल, दुनिया लागे बाध।हित-मित मुदई करि गइल, पियवा ना सखि साध। अपने चाभस सात रस, हम धाँसीं मँड़गील।कहईं के ना छोड़ले, सखि पिय ना ओकील। adminbhojpurimanthan.com/
देवाली आवते सन ८८ ई.के घटना मन परेला। बी.एस.सी के दुसरका साल रहे ठीक दिवाली का एक दिन पहिले सत्या भाई नित्या भाई बबलू आ ढुनमुन का संगे हमहू पोखरी कीओर चल देहनी। गांव में जवन घरारी बा उ कादू…
हमरा गाँव के दखिन सिवान के महंगू अहीर के डेरा के २० लठ्ठा दूर एगो बाबाजी लोग के गाँव बा महुवारी । ओह गाँव में बड़ा धार्मिक बिचार के लोग रहेला । जीव हत्या के जघन्य पाप समझेला ई गाँव…
अंडा बेचे वाली मनोरमा पहिले अंडा ना बेचत रही. उ एगो घरेलू महिला रही, जे अपना मरद भूलन आ बेटी आरती के साथे खूब बढ़िया से आत्मसम्मान के जिनिगी जीअत रही. बाकिर उनका शांत जीवन मे कोल माफिया कल्लुआ कवनों…
फगुआ के अनवाध में, चइत दुआरे ठाढ़।ललकी किरिन परात के, तकलसि घूघा काढ़। मादक महुआ गंध में, डूबल बनी समूल।हवा कटखनी बिन रहल, मउनी भरि-भरि फूल। चइता के धुन अस चढ़ल, भइल असंभो बात।लँवडा संग जटेसरो, नचले सारी रात। adminbhojpurimanthan.com/