Post List #2

संस्कार/ तारकेश्वर राय ‘तारक’

संस्कार/ तारकेश्वर राय ‘तारक’

adminSep 26, 20242 min read

सावित्री भउजी बड़ी खुश बाड़ी। आखिर खुश काहें ना रहीहन? आजु उनकर छोटकी ननद के बियाह ह। बियाह बनारस के होटल से होता। एहिजा चूल्हा-चउका से छुट्टी त बड़ले बा, कुछउ करहूँ के नइखे। खलिहे सज-सँवर के, गलचउरन क के…

लोक जीवन में राम जी के आस्था – जनकदेव…

लोक जीवन में राम जी के आस्था – जनकदेव…

adminSep 26, 20244 min read

“जय रामजी के भाई,” सामने से आवत बुधन के देख के लोटन प्रनाम कइलें आ पूछलें, “का हाल बा ?” “राम राम भाई। सब रामजी के दया बाटे। तू बताव आपन हालचाल। कइसन बाड़अ?” लोटन प्रनाम के जवाब देत पूछलें।…

राम : एक अखंड अवतार-चेतना – दिनेश पाण्डेय

राम : एक अखंड अवतार-चेतना – दिनेश पाण्डेय

adminSep 26, 202410 min read

अवतार के साँच ‘अवतार’ शब्द के प्राचीन प्रयोग यजुर्वेद में प्राप्त बा- “उप ज्मन्नुप वेतसेऽवतर नदीष्वा। अग्ने पित्तमपामसि मण्डुकि ताभिरागहि सेमं नो यज्ञं पावकवर्णं शिवं कृधि– (यजु० १७.६) ।” [ अग्नि! धरती में से ऊपर आईं, बड़वागि का जवरे नदियन…

मछरी – दिलीप कुमार पाण्डेय

मछरी – दिलीप कुमार पाण्डेय

adminSep 26, 20244 min read

देवाली आवते सन ८८ ई.के घटना मन परेला। बी.एस.सी के दुसरका साल रहे ठीक दिवाली का एक दिन पहिले सत्या भाई नित्या भाई बबलू आ ढुनमुन का संगे हमहू पोखरी कीओर चल देहनी। गांव में जवन घरारी बा उ कादू…

जीव के हत्या/ तारकेश्वर राय ‘तारक’

जीव के हत्या/ तारकेश्वर राय ‘तारक’

adminSep 26, 20242 min read

हमरा गाँव के दखिन सिवान के महंगू अहीर के डेरा के २० लठ्ठा दूर एगो बाबाजी लोग के गाँव बा महुवारी । ओह गाँव में बड़ा धार्मिक बिचार के लोग रहेला । जीव हत्या के जघन्य पाप समझेला ई गाँव…

जनावर – जनकदेव जनक

जनावर – जनकदेव जनक

adminSep 26, 202415 min read

अंडा बेचे वाली मनोरमा पहिले अंडा ना बेचत रही. उ एगो घरेलू महिला रही, जे अपना मरद भूलन आ बेटी आरती के साथे खूब बढ़िया से आत्मसम्मान के जिनिगी जीअत रही. बाकिर उनका शांत जीवन मे कोल माफिया कल्लुआ कवनों…

का हमके कुक्कूर कटले बा – जगदीश खेतान

का हमके कुक्कूर कटले बा – जगदीश खेतान

adminSep 26, 202410 min read

इ सन् 1960 के बात ह। तब हम बनारस पढत रहलीं। वो दिन हम अपने कमरा मे पढले मे तल्लीन रहलीं कि तबले हमके बुझाइल कि केहू हमरे लगे आके ठाढ हो गइल बा। हम आपन आंख फेरलीं त का…

आंख के आन्हर – जगदीश खेतान

आंख के आन्हर – जगदीश खेतान

adminSep 26, 20245 min read

ई सन 1971 के बात हऽ। पाकिस्तान आ भारत मे लड़ाई शुरु हो गईल रहे। पूरा देश मे येगो उत्साह छा गईल रहे। हर जगह येही के चर्चा होत रहल। बुझात रहल की लड़ाई लंबा खिंची। रात के ब्लैक आऊट…

दिलीप कुमार पाण्डेय - भोजपुरी मंथन