अब त एह संसार में, अइसन बहे बतास।खुश नइखे लउकत केहू, दुनिए भइल हतास ॥1॥ दुनिया के अब देख लीं, बदल गइल बा ढंग।रफ्ता-रफ्ता हो गइल, अदिमी के दिल तंग ॥2॥ कथनी करनी में भइल, जग में अतना फर्क।अविश्वास संत्रास…