सारी सोनहुली सबेर झमका के,सँवकेरे रूप के अँजोर छिटिका के,जाये का बेर ढेर का अगुताले-किरिनियाँ कले-कले कहाँ चलि जाले?चलत-चलत बीच रहिया में हारल,दुपहरिया तेज तिजहरिया के मारल,धनि बँसवरिया का पाछे लुकाले!किरिनियाँ कले-कले कहाँ चलि जाले?दिनभर का जिनगी के कहते कहनियाँ,जात…