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बुद्धि न केहू के काम करे/ हीरालाल हीरा

बुद्धि न केहू के काम करे/ हीरालाल हीरा

adminOct 7, 20241 min read

बुद्धि न केहू के काम करे,सब सोच में डूबल बा उतराइल.हाँकत जे दिन-राति रहे,मुँह से उनका कुछऊ न कहाइल.राम के काम में जानि रुकावटवानर भालु सभे अउँजाइल.ओही में केहू का मारुत-नन्दनके बल-पौरुष के सुधि आइल. adminbhojpurimanthan.com/

बुद्धि के बढ़ती/ धरीक्षण मिश्र

बुद्धि के बढ़ती/ धरीक्षण मिश्र

दोसरा के घर जरा के हाथ के सेंकले न बा ।के आन का शुभ कीर्ति पर कीचड़ कबें फेंकले न बा॥ कहें हीरा चन्द ओझा चन्द कवि पृथिराज का –दरबार में रहले कहीं इतिहास में लिखले न बा। सन और…

बुद्धायन / अर्जुन कुमार सिंह ‘अशांत’

बुद्धायन / अर्जुन कुमार सिंह ‘अशांत’

बन्दौ शाक्य कुमार, जाहि जन्म संवाद सुनि।उमड़ल हर्ष अपार, शुद्धोदन सम्राट उर ॥ 1 ॥ कीन्ह दान परमार्थ, अन्न, वस्त्र, धन, सोमरस।नामकरण सिद्धार्थ, गौतम घर-परिवार महँ ॥ 2 ॥ देखि सकल संसार, भरल कष्ट घनघोर दुख।जिन पत्नी परिवार, रंग महल…

बुढ़ारी – कवीन्द्र नाथ पाण्डेय

बुढ़ारी – कवीन्द्र नाथ पाण्डेय

adminSep 26, 20241 min read

देहींया बनि गइल टुटही मचान भाई जी।सभे लादत बावे अबहु सामान भाई जी॥ पाया भइल कमजोर दुरलभ भइल अंजोर।निहुर चललऽ हमार भइल पहचान भाई जी॥ केहु लगे नइखे आवत सभे काम बा अढ़ावत।सभ केहु देत बा आपन हमरा ग्यान भाई…

बीत गइल मधुमास सुहावन – गणेश दत्त ‘किरण’

बीत गइल मधुमास सुहावन – गणेश दत्त ‘किरण’

बीत गइल मधुमास सुहावन, साँस-साँस में बिथा समाइल;अब बतलाव अइल हा तू, केकर माँग सँवारे हो? कतना फागुन गइल, सूल से भरल बदरिया लहराइल नाकतना कदम अपात भइल, भिनुसार बँसुरिया लहराइल नाकतना सुख के सेज फूल से सजा-सजा के गइल…

बिहार के बहार/ अरुण भोजपुरी

बिहार के बहार/ अरुण भोजपुरी

adminOct 4, 20241 min read

कतना बहार बा हमरा बिहार मेंजतने सुखार में ओतने दहार मेंबाकि जे बंचल से भूकंप के दरार में ! हिंसा परमोधर्म अवत, सत्य अहिंसा पापधरती गौतम महावीर के कइलसि उल्टा जाप जहं जहं पवि परल संतन के तह तह बंटाढार…

बिहाने बेरिआ/ रामाज्ञा प्रसाद सिंह ‘विकल’

बिहाने बेरिआ/ रामाज्ञा प्रसाद सिंह ‘विकल’

adminOct 4, 20241 min read

बोली कुचकुचवा बिहाने बेरिआ । कतना बारात एकर रउरा ना बूझ वानिसि निसि रतिआ के तनिको ना सूझ बादेखीं ना दलीची से रतिआ के रूपवालउकेना कुछउ अन्हारे मारे कृपवा सिरवा पर सोहे सतभइया तिनडोरिआ,बोली कुचकुचवा बिहाने बेरिआ । ना सुधर…

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बिना भजन भगवान राम बिनु के तरिहें भवसागर हो…

टेकमन रामApr 3, 20251 min read

बिना भजन भगवान राम बिनु के तरिहें भवसागर हो।।पुरइन पात रहे जल भीतर करत पसारा होबून्द परे जापर ठहरत नाहीं ढरिकि जात जइसे पारा हो।।तिरिया एक रहे पतिबरता पतिबचन नहिं टारा होआपु तरे पति को तारे तारे कुल परिवारा हो।।सुरमा…

कविता - भोजपुरी मंथन - Page 13