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सपने में सखी साजन अईले/ कन्हैया प्रसाद तिवारी

सपने में सखी साजन अईले/ कन्हैया प्रसाद तिवारी

adminSep 26, 20241 min read

सपने में सखी साजन अईलें, हमसे प्यार जतवलेंगोदी में बईठा के हमके, हँसि-हँसिके बतिअवलें॥ खुलल आँख त सेज बा सून, तूरलें प्यार के डोरीदिल में धधके आग हमरा, मतिया के भरमवलें॥ लोर आँख से सूखत नईखे आँचर से लाज पोंछत…

सपना/ आचार्य महेंद्र शास्त्री 

सपना/ आचार्य महेंद्र शास्त्री 

adminSep 30, 20241 min read

रात सपना में देखनी उद्धार भइल रे ।गली में गलीज नैखे साफ सभ ओर घर दुआर भइल रे ।गन्दगी से रोग होखे उहे बनल खादर बेड़ापार भइल रे ।अन्न बस्तर दूध दही फल तरकारी भरमार भइल रे ।सहरो के लोगवा…

सपना / केशव मोहन पाण्डेय

सपना / केशव मोहन पाण्डेय

हमहूँ सपना देखेनीसपनवे ओढ़ेनीसपनवे बिछावेनी,पेट के क्षुब्धासपनवे से मेटावेनी।सपने से चलत सँसरी बाजेकरा लगे सपना नइखेओकर जिनगी तऽजीअतके में फँसरी बाऽ।हमरा लगेझोरा भर के सपना बासपना के अंबार बा,सपना नइखे तऽसब धूराऽ,सपनवे से घर-संसार बाऽ।सपना हऽबाबूजी के असरा केमाई के…

संत से अंतर ना हो नारद जी, संत से…

संत से अंतर ना हो नारद जी, संत से…

टेकमन रामApr 2, 20251 min read

संत से अंतर ना हो नारद जी, संत से अंतर ना।। टेक।।भजन करे से बेटा हमारा, ग्यान पढ़े से नाती,रहनी रहे से गुरु हमारा, हम रहनी के साथी।संत जेवेके तबहीं मैं जेइलें, संत सोए हम जागी,जिन मोरा संत के निन्दा…

सगे भाई की तरे/ रामबहादुर ‘अधीर पिंडवी’ 

सगे भाई की तरे/ रामबहादुर ‘अधीर पिंडवी’ 

adminSep 30, 20241 min read

सबकी दुख सुख में रहीं सगे भाई की तरे ।तबो अरिया चलावे लोग कसाई की तरे ।। धरती की लोगवा के सुख पहुँचाई ।देके दवाई सबके रोगवा भगाई ।।केतना स्वारथी बा लोगवा बताई के तरे ।।…. अमवा कहेला आपन रोइ…

सखी हमरो बलम/ यमुना तिवारी ‘व्यथित’

सखी हमरो बलम/ यमुना तिवारी ‘व्यथित’

adminOct 4, 20241 min read

सखी, हमरो बलम,कारखाना में काम करेलन । कारखाना जाइ के लोहा बनावेलन,लोहा बनाई देश आगे बढ़ावेलन,देश के खातिर पसीना बहावेलन,देशवा के खातिर जीवन अपरन ।सखी, हमरो बलम | कन्हियाँ पर हल लेई तोहरो सजनवाँ,अन्न उपजाव, भइले गाँव के किसनवाँ,हरवा कुदरिया…

सईंया सूतल होइहे जा के बथानी पर/ दुर्गा चरण…

सईंया सूतल होइहे जा के बथानी पर/ दुर्गा चरण…

adminOct 7, 20241 min read

सईंया सूतल होइहे जा के बथानी परमकई में मचानी पर ना…. कइले होइहे सानी-पानी, कोड़ले होइहे कोन-कानसांझे चौराहा जा के, खइले होइहे मीठा पान.दिनभर रहल होइहे चीनी अउरी पानी परमकई में मचानी पर ना ….. झिहिर झिहर सखी बहे पुरवइया,रात…

शराब/ हीरा प्रसाद ठाकुर

शराब/ हीरा प्रसाद ठाकुर

adminOct 1, 20241 min read

पीके शराब संइया भइल खराबपंईया केतना परींअतना समुझवनी तोहरा कइलस जुलाबपंईया केतना परीं । अतना –बाबू के थाती बेचिके भइलऽ नबाबपंईया केतना परींसोना अस बुतुरू के तू कइलs कबाबपंईया केतना परीं । सोना – सोना के सोहगल सेजिया कइलs उजारपंईया…

कविता - भोजपुरी मंथन - Page 5