कथनी पर करनी फेरात नइखे,दिमाग गरम रह ता कबो सेरात नइखे,हर के दुगो बैल कइसे मान होइहें सनजब एगो बुढ़ गाई घेरात नइखे लोकतंत्र के मानी ई बा,लोकि, लोकि के खाईंजिन गिरला के आशा करिहें,हाथमलत पछताई ए भाई,अइसन राज ना…
कथनी पर करनी फेरात नइखे,दिमाग गरम रह ता कबो सेरात नइखे,हर के दुगो बैल कइसे मान होइहें सनजब एगो बुढ़ गाई घेरात नइखे लोकतंत्र के मानी ई बा,लोकि, लोकि के खाईंजिन गिरला के आशा करिहें,हाथमलत पछताई ए भाई,अइसन राज ना…
भोर भइल बापू सपना के, भागल भूत अन्हारसूतल सुगना ताके लागल, फड़कलपाँख पुरान ।पिजड़ा के पीड़ाइल चिरई, कबहुं सुछंद उड़ जालेबंदी देहिया तपल साधक के बान्हल ना मन माने,चित्त चेतना हिया-राह के सभकर भीतर के जानसूतल सुगना ताके लागल, फड़कल…
लाली रे चुनरिया में अइली दुलहिनियानिरखेला गॅउवा के लोग हो ——- ।। टेक ॥।बिटिया के भइले बिदाई,नइहर छुटल बाबू – माई –कइसे सहिहे बियोग होलाली रे चुनरिया में अइली दुलहिनियानिरखेला गउवा के लोग हो—- झर झर झरत होईहैं,अमवा के पत्तियाबिलखत…
परिछन के चुनरी में कप्फन क पेंवना ईऊपर से राम नाम, नीचे सब अपना ई अपनन से कटे दींरटत बारटे दींअसरा क ओढ़ना सबफाटत बा फटे दीं टूटि गइल, फूटि गइल इज्जत क ढपना ई बहंगी पर टांगल बास्थिर बा,…
रुपिया पइसा धन दौलत नइखे कवनो काम केबा जले जवानी कऽ लऽ हाली से चारो धाम के। आई बूढ़वती हाथवाँ कापी गोंडवाँ दिही जवाबअईठ के चलल सगरो छूटी बनल तोहार नवाब। कुछ काम करऽ अइसन लोग लेबे तोहरा नाम केबा…
रन से बन ले अमर गगन में गूंजत रहल कहानी बा।एह सुराज के ताज पहिलका कुंअर सिंह बलिदानी बा।।जेकर बलि बिरथा ना, भारत माई फेर महरानी बा।रंग तिरंगा बीच केसरिया लहरत अमर निसानी बा।। लहू लेप ले लाल सुरुज ई,…
राखS दूधवा के लजिया हमार बबुआ ।देस – प्रेमवे हऽ जिनिगी के सार बबुआ ! माली बनि देस के, सँवरिहऽ फुलवारीलागे ना बिआधि कवनों, केसर कियारी,होजा देसवा पर हँसते, निसार बबुआ ! कइलसि भरोस बड़ा, तोहरा पर माई,आइल बा सियार…