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रहलीं करत दूध के कुल्ला/ विश्वनाथ प्रसाद शैदा

रहलीं करत दूध के कुल्ला/ विश्वनाथ प्रसाद शैदा

adminSep 27, 20241 min read

रहलीं करत दूध के कुल्लाछिल के खात रहीं रसगुल्लासखी हम त खुल्लम खुल्ला, झूला झूलत रहीं बुनिया फुहार मेंसावन के बहार में ना हम त रहलीं टह-टह गोरकरत रहलीं हम अँजोरमोर अँखिया के कोर, धार कहाँ अइसन तेग भा कटार…

रमजान – नूरैन अंसारी

रमजान – नूरैन अंसारी

adminSep 27, 20241 min read

हर साल में महज एक बार आवेला रमजान!संगे सनेश भाईचारा के ले आवेला रमजान! मिटावेला इ ह्रदय से सगरी क्रोध-किना-कपट के,जिनगी सादगी से जिए के सिखावेला रमजान! बरखा हरदम पुण्य के होला ये पवित्र महिना में,सुख-समृधि के सबके घर भेजवावेला…

रत्ना के फटकार/ कन्हैया सिंह ‘सदय’

रत्ना के फटकार/ कन्हैया सिंह ‘सदय’

adminOct 1, 20241 min read

करऽ तारऽ हमरा से, जतना तूं प्यार हो,रामजी से करि ल पिया, होइहें उद्धार हो । माटी के देहिया ई एक दिन बिलाई ।भाई-बंधु, बेटा-बेटी कामे ना आई।हमहूँ ना आइब काम, करी ल विचार हो,करऽ तारऽ हमरा से, जतना तूं…

रजनीति/ दिनेश पाण्डेय

रजनीति/ दिनेश पाण्डेय

adminSep 24, 20241 min read

झूठ आँखि के सोझ जे, साँचा जवन अदीख।अखनी के रजनीति में, दरसन के ई सीख। वादा कइके छाड़ि दऽ, मान न नीति अनीति।ना बैरी हित केहुओ, एखनि के रजनीति। धोती खोलऽ तू हमर, अवरी हमूँ तहार।एही गोटी दुइजना, खेलीं जुगवासार। ठगवा के चेला…

रंग ए बनारस / प्रकाश उदय

रंग ए बनारस / प्रकाश उदय

प्रकाश उदयSep 22, 20241 min read

आवत आटे सावन शुरू होई नहवावनभोला जाड़े में असाढ़े से परल बाड़ें एगो लांगा लेखा देह, रखें राखी में लपेटलोग धो-धा के उघारे पे परल बाड़ेंभोला जाड़े में… ओने बरखा के मारे, गंगा मारे धारे-धारेजटा पावें ना सँभारे, होत जले…

रउराS आई / बृजमोहन प्रसाद ‘अनारी’

रउराS आई / बृजमोहन प्रसाद ‘अनारी’

adminOct 4, 20241 min read

हथियाऽ के मुँह लेके, मानुस के तनवाऽ,रउरा आई ना जी,रिधी – सिधी के सजनवाऽ……… बाबूजी के संगे लेले आई अपना माई के,शुभ-लाभ सुघर ललना दूनो भाई के,मंगल के दाताऽ, लेके मुस के वाहनवाऽ…. हम नइखीं कहत, वेद-शास्त्र मये कहेलाऽ,जाहाँ रउरा…

मोरी चुनरी में परि गयो दाग पिया/ डॉ॰ (प्रो)…

मोरी चुनरी में परि गयो दाग पिया/ डॉ॰ (प्रो)…

adminOct 4, 20241 min read

पाँच तत्त्व की बनी चुनरिया,सोरह से बन्द लागे जिया ।। 1।। यह चुनरी मैके से आई,ससुरे में मनुवा खोय दिया । । 21। मलि-मलि धोई दाग न छूटै,ज्ञान का साबुन लाय पिया ||3|| कहैं कबीर दाग तब छुटिहैं,जब साहेब अपनाय…

मोछिया मरदन के शान हs/ संदीप कुमार सिंह

मोछिया मरदन के शान हs/ संदीप कुमार सिंह

adminSep 25, 20241 min read

मोछ ना रही तs के चिन्ही,नर हवा की मादा। मोछिया रही तs सभे चिन्ही,मादा ना हवा मर्द हवा। बाप पितिया अभी जिन्दा बा,बबुआ मोछिया छिलत बा। मोछिया तs मरदन के शान हs,इहे तs पुरनिया के पहचान हs। सालों-साल ई परम्परा…

कविता - भोजपुरी मंथन - Page 8