अपना आगे सभे लगावे अन्हका के बैमान॥अपना जाने सभे दूध के धोवल वा पुरधान॥जेही के देखी से बस, अन्हके के गरियाबत बा।अन्हके गलती लउकत बाट भाषाण उडि़यावत बा॥तब के लेता घूस, देत बा के सै सै के नोट ?दूनो धर्मराज में…
जतने बड़ा मकान बनत बा जतने चेत भइल जाता।ततने अदिमी के भीतर के, जगह सकेत भइल जाता।बढ़ा बढ़ा के विद्यालयमिहनत सउसे बरबाद भईलफूल फुलाईल ना, बगियाई कांटे से आवाद भइलकागज, कलम, सियाही पोथीबेरथ कूल्ही खाद भइलबहरे लोहा के बनूक नाभितरे…