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जमुनी रे! / पाण्डेय सुरेन्द्र

जमुनी रे! / पाण्डेय सुरेन्द्र

जमुनी रे!एह छितनार फुलाइलगुलमुहर का नीचेदू छन सुस्ता ले रे ।तोरा पसेना सेई करिया सड़कसद्यःस्नाता बन चुकल बियाआ तेंअपना लटकल लटन केसँवारतो नइखिस!जमुनी रे!एह अमलतास केफुलाइल गाछ का नीचेआवदू छन बइठ त ले!एह धू-धू करतबहत तपिश का लहर मेंतोर ठंढा-ठंढा…

जइसन करम तू करबऽ/ डॉ॰ भगवान सिंह ‘भास्कर’

जइसन करम तू करबऽ/ डॉ॰ भगवान सिंह ‘भास्कर’

adminOct 4, 20241 min read

जइसन करम तू करबऽ भइयाओइसन भोगे के परी । पद लोलुपता के लालच सेअपना हित अब त बचावऽ । जग के सब आडम्बर छोड़ऽहरि चरन में चित लगावsएक दिन भोगे के परी ॥ ए दुनिया के सब चीजन केएक दिन…

छिप के चुपके से पी-पी आँसू / प्रभुनाथ सिंह

छिप के चुपके से पी-पी आँसू / प्रभुनाथ सिंह

छिप के चुपके से पी-पी आँसू प्यास दिल के बुझावल करीलेकेहू तड़पे ना हालत पर हमरा चोट खा-खा हँसावल करीलेकेतना मस्ती बा जल-जल मरे में दर्द के मार पल-पल सहे मेंकेतना सुख बा विरह का घड़ी में उफ् ना कह…

छठ गीत (पनियाँ में ठाढ़ )/राजकुमार प्रेमी

छठ गीत (पनियाँ में ठाढ़ )/राजकुमार प्रेमी

adminOct 1, 20241 min read

पनियाँ में ठाढ़ ई परवैतिन पुकारेली,अबेर भईल, छठी मईया लिहीं ना अरगिया,अबेर भईल आदित लीहीं ना अरगिया,अबेर भईल | ससुरा – नईहरवा के बानी हम गरीबनी,कि भिखवा माँगी के, माई ठनलीं बरतिया,अबेर भईल | भक्ती आ भऊआ से लेनी कलसूपवा,कि…

चीनी लड़ाई पर / पाण्डेय आशुतोष

चीनी लड़ाई पर / पाण्डेय आशुतोष

खबरदार ! हमरे धरती पर भारी कतल मचल बा,आज बहत गंगा के पानी खून हो गइल !!आज जनम धरती के गौनहरी के सेनुर बाटे,जब ले बैरी मात ना खाई, कसम आज जे टिकुली साटे,जेह दिन मरले भगत, खुदी इतिहास बनावेवाला,बस तहिये से…

चइता/ डॉ॰ वसंत कुमार

चइता/ डॉ॰ वसंत कुमार

adminOct 4, 20241 min read

फागुन के बचपन उतरि गइल हो चइता भइली जवानमनवाँ में उतरल रतौंधी हो अँखियन में गुमान !कोंची के झुमका सुहावन हो भौंरन के पाजेबफुलवन के गजरा सुनहरा हो मोजर के करेज टहटह अँजोरिया के देहिया हो उमिरा के उतानचम चम…

घर में देश / भगवती प्रसाद द्विवेदी

घर में देश / भगवती प्रसाद द्विवेदी

सूखि गइलआँखिन में लहलहातसपनन के समुन्दरखूने-खून हो गइल-सतलज, व्यास, रावीझेलम, चिनाब के पानीबेटिन के जवानीफटाफट बन हो गइलमए घरन के केवाड़खिड़की, झरोखापाँख पसारि के पसरि गइलमातमी चुप्पीगूँजे लागलदनवा-दईंतन के बूट के दहशतटूटि पड़लप स बेटामाई के इज्जत लूटे खातिरउहे बेटाजवन…

गाँव क बरखा / चंद्रशेखर मिश्र

गाँव क बरखा / चंद्रशेखर मिश्र

हमरे गाँव क बरखा लागै बड़ी सुहावन रे।।सावन-भादौ दूनौ भैया राम-लखन की नाईं,पतवन पर जेठरु फुलवन पर लहुरु कै परछाईं।बनै बयार कदाँर कान्ह पर बाहर के खड़खड़िया,बिजुरी सीता दुलही, बदरी गावै गावन रे।। हमर…. बड़ी लजाधुर बिरई अंगुरी छुवले सकुचि…

गीत - भोजपुरी मंथन - Page 6