लइकन सबके कविता पढ़ावल जरूरी बा/ डॉ. हरेश्वर राय
पथराइल आँखन में गंगा बहावल जरूरी बा
दिलन के दरार के दूरी मिटावल जरूरी बा I
परदा के पीछे बइठ के खेल रहल केहु खेल
ओकरा चेहरा से परदा हटावल जरूरी बा I
रोजे-रोज उछालल जाता नवका नवका नारा
नवका नरवन से दामन बचावल जरूरी बा I
निरदोसवन के खून बहल रोके के खातिर
बारूद के जंगल में आग लगावल जरूरी बा I
सूर के बाल्मीकि के आ तुलसी कबीरजी के
लइकन सबके कविता पढावल जरूरी बा I