आजाद तितली/ बब्लु सिंह
जा तितली जा उड़ जा तू,
एह दिल के दुवारी से…
हक़ बुझाता नइखे अब,
कि तोहके रखी बरिआरी से !!
ए तितली जा उड़ जा तू,
एह दिल के दुवारी से………..
समय बावे खराब त तोहके,
नइखी हम समझा सकत,
ताहरा बिना जग सुना लागे,
नइखी हम बतला सकत !
कइसे मनावल जाला पता ना,
अइयार के अपना अइयारी से,
जा तितली जा उड़ जा तू
एह दिल के दुवारी से………..
ए तितली तू उड़ जइबू,
देखबु दुनिया के रीत,
ओहि बगिया में हंसबु खेलबू,
लगा लेबू तू प्रीत !
जबरन तोहके कैद ना राखब,
सनेह बा तोह जस प्यारी से,
जा तितली जा उड़ जा तू,
एह दिल के दुवारी से………….
रोवत अंखिया, धडकत छतिया,
नेह सनेह देखावत बा,
उजडल फुलवारी के रौनक रहलू
दिल माफ़ी के आसरा लगावत बा !
चिन्हबु नेहिया, वापिस अइबू,
मनइबू यार के आपना यारी से….
जा तितली जा उड़ जा तू,
एह दिल के दुवारी से…
हक़ बुझाता नइखे अब,
कि तोहके रखी बरिआरी से………!!!