भोजपुरी मंथन

मोछिया मरदन के शान हs/ संदीप कुमार सिंह

मोछिया मरदन के शान हs/ संदीप कुमार सिंह

मोछ ना रही तs के चिन्ही,
नर हवा की मादा।

मोछिया रही तs सभे चिन्ही,
मादा ना हवा मर्द हवा।

बाप पितिया अभी जिन्दा बा,
बबुआ मोछिया छिलत बा।

मोछिया तs मरदन के शान हs,
इहे तs पुरनिया के पहचान हs।

सालों-साल ई परम्परा चलत बा,
बबुआ काहे मोछिया छिलत बा।

पहचाने में भी अब दिक्कते बा,
बबुआ लो कनबलियो पहनते बा।

बाबुओ लो के मैकप के होड़ बा,
ई लो चिनात बा,के नर हs के हs मादा।

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