भोजपुरी मंथन

वन्दना/ रामबहादुर ‘अधीर पिंडवी’ 

भोजपुरी मंथन

वन्दना/ रामबहादुर ‘अधीर पिंडवी’ 

तनी सुनि लीं अरजिया हमार हो,
हमरी मइया सारदा ।
रउवां जिनगी के हमरी अधार हो,
हमरी मइया सारदा ।।

हंस के सवारी राउर धवल चुनरिया |
अंगुरी में शोभेला माणिक मुनरिया ।।
शोभे हथवा में रउरी सितार हो,
हमरी मइया सारदा । तनी …… Il

रउरी कृपा से फूले फूल फुलवरिया ।
रतिया के चान, होखे दिन दुपहरिया ।।
चले रउरी कृपा से संसार हो,
हमरी मइया सारदा ।। तनी …… Il

देई गियान कि राउर गीति गाईं ।
गा-गा के गुन हम जग के बताई ।।
आवे सभवा में सुनि के बहार हो,
हमरी मइया सारदा ।। तनी

गीत, गजल, छन्द के माई वरदान दीं।
स्वर-लय-ताल में बधल माई ज्ञान दीं ।।
बस एतने अरजिया हमार हो,
हमरी मइया सारदा । तनी …… Il

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