भोजपुरी मंथन

एह माटी ला आपन सर कटाएब/ लव शर्मा ‘प्रशांत’

भोजपुरी मंथन

एह माटी ला आपन सर कटाएब/ लव शर्मा ‘प्रशांत’

दूर देस से चल के एह धरती पर अइनी
एही चंपारण में आपन ठेहा हलवनी

चंपा के फूलन से गमकत रहे ई धरती
लव-कुश के वीरता के गवाह रहे ई धरती

एतहिंए बाल्मिकी रामायन के रचना कइलें
लूट-पाट छोड़ के राम भक्ति के रास्ता धइलें

अब से एही धरती के हम कर्मभूमि बनाएब
जरूरत परी त एह माटी ला आपन सर कटाएब ।

Exit mobile version