भोजपुरी मंथन

गीत-गजले सुनाइब/ रामेश्वर प्रसाद सिन्हा ‘पीयूष’

भोजपुरी मंथन

गीत-गजले सुनाइब/ रामेश्वर प्रसाद सिन्हा ‘पीयूष’

जहँवा जे पाइब, हिया से लगाइब,
हँस-हँस के ना ।
गीत – गजले सुनाइब, हँसि-हँस के ना ।

रहता के बिन-बिन कँटवा हटाइब,
हँस-हँस के ना ।
फूल अनघा बिछाइब, हँस-हँस के ना ।

सिसवा के टुकड़ा गिरल जे, उठाइब,
हँस-हँस के ना ।
ओके अएना बनाइब, हँस-हँस के ना ।

पिरवा के लागल पियसिया बुझाइब,
हँस-हँस के ना ।
छन्द रसगर पियाइब, हँस-हँस के ना ।

मउवत में जिए के रहिया बनाइब,
हँस-हँस के ना ।
नेह सरबस लुटाइब, हँस-हँस के ना ।

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