भोजपुरी मंथन

पानी-पानी हो गइल बा/ भावेश अंजन

भोजपुरी मंथन

पानी-पानी हो गइल बा/ भावेश अंजन

जवन पानी से पानी-पानी हो गइल बा

बहुत बरिस पर आइल पानी
बहत बा बहे दीं
हर-हर के आवाज लगावत
गंगा-गंगा कहे दीं

मन मसोस, मोबाइल रोवत
बार-बार ऊ चार्जर बा टोवत
कोठी वाला सेल्फी खिंचत
मड़ई के भी रहे दीं

आसमान के रहे निहारत
सुखत देखि करेजा फाटत
हाथ जोरि के करत निहोरा
बरसीं मति अब रहे दीं

समय के बरखा नीमन लागे
दुख-दलिदर सब अलगे भागे
बिजली रानी,अब पानी पानी
अब हमनियो के लहे दीं

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