बलिदानी वीर भूमि/ प्रभास चन्द्र कुमार सिंह
जरासंध वीर जहाँ, रहले दलगीर जहाँ,
बाटे राजगीर जहाँ, उहे बिहार हऽ ।
खुद भगवान जहाँ, लोहा गइले मान जहाँ,
देख वीरता महान जहाँ, उहे बिहार ह5 |
भीम गइले थाक जहाँ, कृष्ण दशा आँक जहाँ,
कइले खर्ह दुई फाँक जहाँ, उहे बिहार ह5 |
पवले ईशारा जहाँ, भीम कृष्ण द्वारा जहाँ,
फरले टाँग हत्यारा जहाँ, उहे बिहार ह5 |
गइले धिक्कारल भी, कृष्ण फटकारल भी,
जरासंध गेल तारल भी. उहे बिहार हऽ ।
विविध कुण्ड – धारा भी, गर्म-शीत फव्वारा भी,
एकहीं पर्वत द्वारा भी, उहे बिहार हऽ ।
तपसिन के झुण्ड जहाँ, यज्ञ हवन कुण्ड जहाँ,
होत बाल मुण्ड भुई जहाँ, उहे बिहार ह5 |
-: बानी :-
एक से एक बढ़ मानव-दानव, जमले वीर महान्।
कर्म करे बिहार ही चूनल, देवो देव भगवान ।।