भोजपुरी मंथन

बुद्धि न केहू के काम करे/ हीरालाल हीरा

भोजपुरी मंथन

बुद्धि न केहू के काम करे/ हीरालाल हीरा

बुद्धि न केहू के काम करे,
सब सोच में डूबल बा उतराइल.
हाँकत जे दिन-राति रहे,
मुँह से उनका कुछऊ न कहाइल.
राम के काम में जानि रुकावट
वानर भालु सभे अउँजाइल.
ओही में केहू का मारुत-नन्दन
के बल-पौरुष के सुधि आइल.

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